नई दिल्ली. अफवाहें अकसर शब्दों की शक्ल में आती हैं, लेकिन असर में बम से कम नहीं होतीं. हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में मची भगदड़ हो या कर्नाटक का स्टेडियम हर जगह जहां भी भीड़ होती है, वहां अफवाहें मौत को न्योता देने लगती हैं. नीचे ऐसी ही 7 बड़ी घटनाएं हैं, जहां अफवाह ने भगदड़ मचाई और कई जानें चली गईं:
1. हरियाणा: मनसा देवी मंदिर, 2024क्या अफवाह फैली? – बिजली का करंट फैलने की बात फैलीपरिणाम – श्रद्धालु घबरा गए, भगदड़ मच गईकितने मरे? – 8 लोगों की मौत, दर्जनों घायलनोट – कोई करंट नहीं था, अफवाह झूठी निकली.
2. कर्नाटक: आरसीबी विजय समारोह, 2024
क्या अफवाह फैली? – स्टेडियम में बम या कुछ गिरने की अफवाह
परिणाम – भीड़ ने धक्का-मुक्की शुरू कर दी
कितने मरे? – 3 लोगों की मौत, 25 से ज्यादा घायल
नोट – कोई धमाका नहीं हुआ था, लोग पैनिक से मरे.
3. इलाहाबाद: कुंभ मेला, 2013क्या अफवाह फैली? – रेलवे प्लेटफॉर्म पर पुल गिरने की अफवाहपरिणाम – भगदड़ में लोग कुचले गएकितने मरे? – 36 लोगों की मौत, 50 से अधिक घायलनोट – पुल नहीं गिरा था, अफवाह ने मचाया कोहराम.
4. पटना: गांधी मैदान, 2014
क्या अफवाह फैली? – बम विस्फोट की आशंका
परिणाम – मोदी की रैली में भगदड़
कितने मरे? – 5 की मौत, दर्जनों घायल
नोट – कुछ कम तीव्रता के धमाके हुए थे, लेकिन मुख्य हताहत भगदड़ से हुई.
5. मालावी (अफ्रीका), 2022क्या अफवाह फैली? – ‘पिशाच’ इंसानों को मार रहे हैंपरिणाम – भीड़ ने लोगों को मार डालाकितने मरे? – 9 से ज्यादा मौतेंनोट – यह अफवाह गांवों में फैली थी, कोई जादू-टोना नहीं था.
6. हैदराबाद: मक्का मस्जिद, 2007
क्या अफवाह फैली? – दूसरे बम की आशंका
परिणाम – पहले धमाके के बाद भगदड़
कितने मरे? – 5 की मौत भगदड़ में
नोट – मुख्य धमाके के अलावा ज्यादातर लोग दौड़ते हुए कुचले गए.
7. उत्तर प्रदेश: हाथरस मंदिर हादसा, 2024क्या अफवाह फैली? – VIP के आने से रास्ता बंद हो जाएगापरिणाम – लोगों ने एक साथ निकलने की कोशिश कीकितने मरे? – 121 मौतेंनोट – सबसे भयावह हादसा, अफवाह ने भीड़ को उग्र बना दिया.
हरिद्वार हादसे की बात करें, तो सावन का महीना होने की वजह से मनसा देवी मंदिर में इन दिनों लोगों की भारी भीड़ उमड़ी रही है और जिस समय यह घटना हुई. संकरे सीढ़ी मार्ग से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु लगातार मंदिर की ओर जा रहे थे. हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि घटनास्थल पर बिजली के कई तार टूटे मिले हैं जिससे प्रतीत होता है कि भीड़ की वजह से खुद लोगों ने तार पकड़ कर ऊपर चढ़ने की कोशिश की होगी.
हादसे वाले स्थान पर एक तरफ पहाड़ की ओर जाने वाले कच्चे रास्ते और खाई हैं जिन पर इन दिनों घनी झाड़िया उगी हुई हैं. हरिद्वार पुलिस कोतवाली के प्रभारी रितेश शाह ने बताया कि एसडीआरएफ की टीम अब भी घनी झाड़ियों में तलाशी अभियान चला रही है क्योंकि प्रशासन को आशंका है कि भगदड़ के दौरान कहीं भीड़ में से कुछ लोग झाड़ियों में खाई की ओर न गिर गए हों.