गया से भी खास! संभल का पिशाच मोचन कुंड देता है आत्माओं को शांति

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Last Updated:July 26, 2025, 16:20 ISTसंभल का पिशाच मोचन तीर्थ पितरों की मुक्ति और शांति के लिए प्रसिद्ध है. यहां श्राद्ध और पिंडदान करने से प्रेत योनि से छुटकारा मिलता है. शाही जामा मस्जिद के पास स्थित यह स्थल पीपल के पेड़ और प्राचीन कुंड के लिए व…और पढ़ेंसंभल- संभल का पिशाच मोचन तीर्थ धार्मिक मान्यताओं और लोककथाओं से जुड़ा एक प्राचीन और पवित्र स्थल है. कहा जाता है कि यहां श्राद्ध कर्म और पिंडदान करने से पितरों को प्रेत योनि से मुक्ति मिलती है और उनकी आत्मा को शांति प्राप्त होती है. इस स्थल पर स्थित पिशाच मोचन कुंड गंगा के धरती पर आगमन से भी पुराना माना जाता है. कुंड के किनारे मौजूद पीपल का पेड़ अतृप्त आत्माओं का प्रतीक माना जाता है.

शाही जामा मस्जिद के पास स्थित है पिशाच मोचनसंभल के कल्कि मंदिर के पुजारी एवं इतिहासकार महेंद्र शर्मा बताते हैं कि पिशाच मोचन तीर्थ शाही जामा मस्जिद के पास स्थित है. मान्यता है कि यहां स्नान या जल का सेवन करने से पिशाच योनि से मुक्ति मिलती है. ऐसा माना जाता है कि जिनकी आकस्मिक मृत्यु होती है, वे प्रेत या पिशाच बन जाते हैं. लेकिन पिशाच मोचन तीर्थ के जल का सेवन करने से व्यक्ति को पिशाच योनि नहीं मिलती.

पीपल के पेड़ और अतृप्त आत्माओं का संबंध
इस पवित्र स्थल के पास एक प्राचीन पीपल का पेड़ है, जहां अतृप्त आत्माओं का वास माना जाता है. यहां आने वाले श्रद्धालु पिंडदान और श्राद्ध करते हैं, जिससे उनके पितरों को शांति मिलती है. स्थानीय मान्यता के अनुसार, जो लोग भूत-प्रेत या पिशाच के प्रभाव में होते हैं, वे यहां आकर राहत पाते हैं.

पिंडदान का महत्वगया की तरह संभल में भी पिशाच मोचन तीर्थ के पास स्थित पीपल के पेड़ के नीचे पिंडदान किया जाता है. यह माना जाता है कि यहां किया गया पिंडदान पितरों को अक्षय गति प्रदान करता है और उनके समस्त दोषों का निवारण होता है.Location :Sambhal,Moradabad,Uttar Pradeshhomeuttar-pradeshगया से भी खास! संभल का पिशाच मोचन कुंड देता है आत्माओं को शांति

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