Why do some people recognize Hidden Heart Attack Risk only when it is too late | छिपा हुआ हार्ट अटैक: कुछ लोग इस खतरे को तब क्यों पहचानते हैं जब बहुत देर हो जाती है?

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Why do some people recognize Hidden Heart Attack Risk only when it is too late | छिपा हुआ हार्ट अटैक: कुछ लोग इस खतरे को तब क्यों पहचानते हैं जब बहुत देर हो जाती है?



Hidden Heart Attack: हार्ट अटैक को हम आमतौर पर सीने में तेज दर्द, पसीना, सांस फूलना और बेहोशी जैसी सीरियस और क्लियर साइन से जोड़ते हैं. लेकिन कई मामलों में हार्ट अटैक बिना किसी साफ लक्षण के भी हो सकता है, जिसे साइलेंट हार्ट अटैक या छिपा हुआ दिल का दौरा कहा जाता है. ये उतना ही खतरनाक होता है, जितना कि नॉर्मल हार्ट अटैक, इसमें फर्क बस इतना है कि मरीज को इसका पता तब चलता है जब काफी देर हो चुकी होती है.
क्या होता है साइलेंट हार्ट अटैक?साइलेंट हार्ट अटैक तब होता है जब दिल की धमनियों में ब्लॉकेज की वजह से हार्ट को सही मात्रा ब्लड सप्लाई नहीं मिल पाती, लेकिन इसके लक्षण इतने मामूली या अलग होते हैं कि लोग उसे दूसरी आम परेशानियों से जोड़ लेते हैं- जैसे गैस, थकान या पीठ दर्द.
लोग इसे देर से क्यों पहचानते हैं?
1. लक्षण बेहद आम होते हैंहल्का सीने में दबाव, थकान, अपच, गले या जबड़े में दर्द जैसी शिकायतें कॉमन प्रॉब्लम्स लगती हैं. लोग इन्हें हार्ट डिजीज से कनेक्ट नहीं करते.
2. डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशरडायबिटीज मरीजों में न्यूरोपैथी के कारण दर्द का एहसास कम हो सकता है. इस वजह से सीने में दर्द न के बराबर होता है.
3. अनदेखा करने आदतखासकर पुरुष और बुजुर्ग अक्सर छोटी-छोटी तकलीफों को नजरअंदाज कर देते हैं या घरेलू इलाज से ठीक होने की सोचते हैं.
रूटीन चेकअप की कमी:ECG या हार्ट से जुड़े टेस्ट तभी कराए जाते हैं जब कोई बड़ा लक्षण नजर आता है, जिससे छुपे अटैक का पता नहीं चलता.
कैसे पहचानें छिपे अटैक के इशारे?1. लगातार थकान या कमजोरी2. नींद के दौरान सांस फूलना3. हल्का लेकिन लंबे टाइम तक रहने वाला सीने का दर्द4. अचानक पसीना या चक्कर आना5. एक्सरसाइज में झेलने की ताकत की कमी
आप क्या करें?अगर आप हाई रिस्क ग्रुप में हैं (जैसे 40+ एद, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, फैमिली हिस्ट्री), तो समय-समय पर ECG, ईको और स्ट्रेस टेस्ट जैसे कार्डियक टेस्ट जरूर कराएं. याद रखें, साइलेंट हार्ट अटैक चुपचाप आता है, लेकिन असर बेहद गंभीर छोड़ जाता है. वक्त रहते संभल जाना ही सबसे बड़ा बचाव है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.



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