संभल में है ऐसा अद्भुत स्थान, जहां सभी ग्रहों का होता है समाधान, दूर होते हैं जीवन के हर कष्ट

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संभल में विराजते हैं कल्कि भगवान, एक साथ ठीक करते हैं सभी ग्रह, जानें सब कुछ

Last Updated:July 21, 2025, 23:47 ISTभगवान विष्णु के दसवें अवतार कल्कि का जन्म उत्तर प्रदेश के संभल में होगा. ग्रहों के दोष दूर करने के लिए विष्णु के दशावतार की पूजा होती है. कल्कि भगवान सभी ग्रहों के दोष दूर करते हैं.हाइलाइट्सभगवान कल्कि विष्णु के दसवें अवतार हैं.कल्कि भगवान सभी ग्रहों के दोष दूर करते हैं.संभल में भगवान कल्कि का जन्मस्थान माना गया है.मुरादाबाद. कल्कि भगवान विष्णु के दसवें और अंतिम अवतार हैं. यह अवतार कलियुग के अंत में होगा, जब धरती पर पाप और अधर्म बहुत बढ़ जाएंगे. कल्कि पुराण के अनुसार, भगवान कल्कि का जन्म उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. वहीं, संभल जनपद में आज भी भगवान कल्कि से जुड़ी कई मान्यताएं और धरोहर मौजूद हैं. उन्हीं में से एक मान्यता यह है कि पृथ्वी पर नौ ग्रह होते हैं. मनुष्य का अगर एक ग्रह भी खराब हो जाता है, तो उसे समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इस प्रकार हर ग्रह के लिए अलग भगवान की पूजा होती है. वहीं, एक से अधिक ग्रह खराब होने पर कल्कि स्वामी विष्णु भगवान ही उसका कल्याण करते हैं.

विष्णु भगवान के 10 अवतारश्री कल्कि विष्णु मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि विष्णु भगवान के 10 अवतार हैं, जिनमें नौ हो चुके हैं और दसवां होना बाकी है. इसी प्रकार नौ ग्रह होते हैं, जो मनुष्य के जीवन को प्रभावित करते हैं. मनुष्य के जीवन में जो भी संकट आते हैं, उनमें ग्रहों का अहम योगदान होता है. किसी का कोई ग्रह खराब होता है तो किसी का कोई और. हर ग्रह को ठीक करने के लिए अलग-अलग भगवान की पूजा-अर्चना की जाती है. चूंकि ग्रह नौ हैं और विष्णु के दशावतार हैं, इसलिए प्रत्येक अवतार एक-एक ग्रह को ठीक करने का कार्य करता है. नौ ग्रह हैं, लेकिन अवतार दस हैं, ऐसे में जब किसी व्यक्ति के एक से अधिक ग्रह खराब होते हैं तो वह विष्णु के दसवें अवतार कल्कि भगवान की पूजा करता है. इस मान्यता का श्रेय संभल जनपद को जाता है, क्योंकि यही स्थान कल्कि स्वामी विष्णु भगवान का जन्मस्थान माना गया है. इसी कारण कल्कि भगवान को सभी दुखों का निवारण करने वाला भगवान कहा गया है.

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सब ग्रहों में सर्वश्रेष्ठ है कल्कि अवतारउन्होंने कहा कि नौ ग्रह होते हैं और मनुष्य को ये नौ ग्रह मिलकर ही संचालित करते हैं. कभी किसी का कोई ग्रह ठीक होता है, तो कभी किसी का कोई ग्रह खराब हो जाता है. ग्रहों की स्थिति के अनुसार ही व्यक्ति के जीवन में सुख-दुख आते-जाते रहते हैं. उदाहरण के तौर पर, यदि किसी व्यक्ति का सूर्य ग्रह खराब होता है तो उसे भगवान राम की पूजा करनी चाहिए, जिससे उसे लाभ मिलता है. इसी तरह यदि चंद्रमा खराब होता है, तो श्रीकृष्ण की पूजा करने से लाभ होता है. हर ग्रह को ठीक करने के लिए विष्णु भगवान के अलग-अलग अवतारों की पूजा की जाती है. हालांकि ग्रह नौ हैं और विष्णु के दस अवतार माने गए हैं. ऐसे में दसवां अवतार — कल्कि भगवान — तब पूजनीय हो जाते हैं जब किसी व्यक्ति के एक से अधिक ग्रह खराब हों. ऐसे में कल्कि भगवान की पूजा से सभी ग्रहों का दोष दूर होता है और व्यक्ति को समस्त कष्टों से मुक्ति मिल जाती है.Location :Moradabad,Uttar Pradeshhomeuttar-pradeshसंभल में विराजते हैं कल्कि भगवान, एक साथ ठीक करते हैं सभी ग्रह, जानें सब कुछ

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