क्या कॉफ़ी पीना लिवर के लिए अच्छा होता है? जान लें Facts, एक दिन में कितनी कॉफी कर सकते हैं कंज्यूम

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क्या कॉफ़ी पीना लिवर के लिए अच्छा होता है? जान लें Facts, एक दिन में कितनी कॉफी कर सकते हैं कंज्यूम



How much Coffee is Right to Drink Daily: कई लोग सुबह उठते ही कॉफी पीना बहुत पसंद करते हैं. वे दिन में भी कॉफी के 3-4 कप गटक जाते हैं. लेकिन सवाल है कि क्या कॉफ़ी पीना हमारे  लिवर के लिए अच्छा होता है या बुरा? यह सवाल अक्सर हम सबके दिमाग में आता है. हालिया रिसर्चों से पता चला है कि कॉफ़ी पीना सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है लेकिन तभी जब इसे सही तरीके से तैयार और सेवन किया जाए. इसके साथ ही इसे एक लिमिट में पिया जाए. आज हम आपको बताते हैं कि रोजाना कितने कप कॉफी पीना सेहत के लिए सुरक्षित होता है. इससे ज्यादा कॉफी पीने पर वह जहर का काम कर सकती है, जिससे आपका लिवर डैमेज हो सकता है. 
कॉफी पीने का फायदा 
कॉफ़ी फैटी लिवर डिजीज से बचाने में मदद कर सकती है. यह एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें लिवर में बहुत अधिक वसा और कोलेजन जमा हो जाता है. यह ज़्यादातर उन लोगों को प्रभावित करता है जिनका वज़न ज़्यादा होता है, जिन्हें डायबिटीज होती है या जिनकी लिपिड प्रोफ़ाइल असामान्य होती है. अगर इसका इलाज न किया जाए तो इससे लिवर में निशान (सिरोसिस), लिवर कैंसर या यहाँ तक कि लिवर फेलियर जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं.
क्यूरियस में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, दिन में 3-4 कप कॉफ़ी पीने से इंसुलिन प्रतिरोध और रक्त शर्करा के स्तर में सुधार करके एनएएफएलडी (जिसे मेटाबोलिक डिसफंक्शन-एसोसिएटेड स्टीटोटिक लिवर डिजीज (एमएएसएलडी) भी कहा जाता है) का खतरा कम हो सकता है. यह फाइब्रोसिस, सिरोसिस जैसी लिवर संबंधी समस्याओं और यहाँ तक कि हेपेटाइटिस बी और सी जैसे संक्रमणों के बढ़ने को भी धीमा कर सकता है.
क्या कॉफ़ी पीने से लिवर को नुकसान होता है?
हेल्थ एक्सपर्टों के मुताबिक, अगर आप सीमित मात्रा (दिन में लगभग 3-4 कप) कॉफ़ी पीते हैं तो यह लिवर के लिए अच्छा हो सकता है. इससे ज्यादा कॉफी पीने से दिल की धड़कनें तेज हो सकती हैं. चिंता और पेट में एसिड की मात्रा बढ़ सकती है. इससे आप डिहाइड्रेशन और एसिड रिफ्लक्स का भी शिकार हो सकते हैं. 
किन लोगों को कॉफी से करना चाहिए परहेज?
जिन लोगों को सिरोसिस की बीमारी हो, उन्हें काफी पीने से परहेज करना चाहिए. ऐसे लोग कैफीन को अच्छी तरह से पचा नहीं पाते, जिससे उन्हें दिक्कत हो सकती है. वहीं हाल में मीनोपॉज से गुजरने वाली महिलाएं हार्मोन में ज्यादा बदलाव की शिकार हो सकती हैं. जिन लोगों की हृदय गति ऊपर या नीचे रहती हो या हाई बीपी की समस्या से जूझ रहे लोगों को भी ज्यादा कॉफी पीने से बचना चाहिए. ऐसा न करने पर उन्हें चिंता, कंपकंपी, हाई बीपी और नींद न आने की समस्या हो सकती है. 
कॉफ़ी पीने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?
अगर आप चाहते हैं कि लिवर की फिटनेस बरकरार रखते हुए आप भी कॉफी का आनंद लें तो आपके लिए सबसे स्वस्थ विकल्प बिना चीनी, क्रीम या हाई फैट वाले दूध के बनी ब्लैक कॉफ़ी है. यह फैटी लिवर या मेटाबॉलिक समस्याओं वाले लोगों के लिए फायदेमंद मानी जाती है. इसमें पेपर फ़िल्टर (जैसे ड्रिप या पोर-ओवर कॉफ़ी में) का उपयोग करना बेहतर होता है क्योंकि यह कैफ़ेस्टोल और कहवेओल जैसे कुछ यौगिकों को हटा देता है जो खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ा सकते हैं.
क्या सेहत के लिए कोल्ड काफी सही होती है?
हेल्थ एक्सपर्टों के मुताबिक, लिवर फिटनेस के लिए कोल्ड कॉफ़ी भी अच्छी विकल्प मानी जाती है, यह ज़्यादा मुलायम और कम अम्लीय होती है, जिससे पेट पर ज़्यादा असर नहीं पड़ता. आप दिन में 2-3 कप सादी या फ़िल्टर्ड कॉफ़ी पी सकते हैं. इससे ज्यादा कॉफी पीना नुकसानदेह हो सकता है. इंस्टेंट कॉफ़ी या फ़्रेपीज़ जैसे मीठे पेय पदार्थों से बचना चाहिए क्योंकि ये लिवर के लिए बहुत कम फ़ायदेमंद होते हैं. यह भी ध्यान रखें कि आपकी कॉफ़ी साफ़ पानी से बनी हो और हर बार एक ही तरह से बनाई गई हो.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.



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