लखनऊ : यूपी में बलरामपुर के छांगुर बाबा का विवाद अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि आगरा में अवैध धर्मांतरण गिरोह का खुलासा हुआ है, जो छांगुर बाबा से भी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है. यह गिरोह कनाडा, यूएसए और खाड़ी देशों से फंडिंग प्राप्त कर रहा था, जिसे गोवा की आयशा भारत में गिरोह के सदस्यों तक पहुंचाती थी. इस गैंग में जयपुर का अली, यूट्यूबर रहमान कुरेशी, मुजफ्फरनगर का अबु तालिब, उत्तरांचल के अब्दुर्रहमान, और गोवा का अली हसन जैसे कई नाम शामिल हैं. जबकि कनाडा से सैय्यद दाऊद अहमद फंडिंग का काम देखता था.
गौरतलब है कि आगरा की 2 सगी नाबालिग बहनों के अपहरण और धर्मांतरण के मामले में आगरा पुलिस ने शनिवार को बड़ा खुलासा करते हुए 6 राज्यों से 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया. इस शातिर गिरोह से जुड़े सभी आरोपी नाबालिग लड़कियों को साजिश का शिकार बनाते थे. पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहां से 10 दिन की रिमांड मिल गई. यह गिरोह छांगुर बाबा गिरोह से अलग है.
इन देशों से होती थी फंडिंग
सूत्रों के मुताबिक पुलिस की जांच में यह सामने आया है कि कनाडा से सैय्यद दाऊद अहमद कनाडा, यूएसए और खाड़ी देशों से आई फंडिंग को आयशा को भेजता था. वहीं आयशा गैंग के बाकी लोगों को फंड बांटती थी. पुलिस सैय्यद दाऊद अहमद के बारे में जानकारियां जुटा रही है. जबकि कोलकाता से गिरफ्तार ओसामा लड़कियों के ब्रेनवॉश में अहम भूमिका निभाता था. अब्दुल रहमान कुरैशी एक यूट्यूब चैनल के जरिए यही काम कर रहा था. वहीं, दिल्ली से गिरफ्तार मनोज उर्फ मुस्तफा फुसलाकर लाई गई लड़कियों को नए मोबाइल फोन, सिम उपलब्ध करवाता था. मनोज लड़कियों को ट्रेन के बजाए बस से दूसरे राज्यों और शहर में भेजता था ताकि उन लड़कियों के घरवाले उन्हें ट्रेस न कर सकें.
पहले भी भाग चुकी है बड़ी बेटीआगरा पुलिस की जांच में गुमशुदा बहनों के सोशल मीडिया अकाउंट में एक फोटो मिली है, जिसमें एके-47 लिए हुए युवती है. गैंग के लोग उसे मुजाहिदा और आत्मघाती हमले के लिए तैयार कर रहे थे. यह भी सामने आया है कि उसकी तरह कई और लड़कियों को भी फिदायीन हमले के लिए तैयार किया जा रहा था. आगरा से गुमशुदा बड़ी बहन 2025 से पहले भी एक बार 2021 में गायब हुई थी. वह श्रीनगर जा रही थी, लेकिन उससे पहले ही उसे उधमपुर के पास ट्रैक कर लिया गया था.
फिदायीन बनाना चाहती थी छोटी बहन
वहीं छोटी बहन के फोन से एक व्हाट्सएप चैट सामने आया है जिसमें उसने लिखा कि वह “मुजाहिदा बनना चाहती है और इस्लाम के लिए खुद को कुर्बान करना चाहती है. उसने AK-47 के साथ बुर्के वाली डीपी भी लगाई थी और एक मैसेज में लिखा कि कयामत तब आएगी जब पूरी दुनिया इस्लाम कबूल कर लेगी. दोनों बहनें आज भी इस्लाम के लिए जान देने की बात कर रही हैं. फिलहाल उनकी काउंसलिंग कराई जा रही है.
रहमान कुरैशी : गौरतलब है कि पुलिस की जांच में आगरा निवासी रहमान कुरैशी का नाम सामने आया है जो “The Sunnah” नाम का यूट्यूब चैनल चलाता है. इसके 1 लाख 69 हजार फॉलोअर्स हैं. रहमान इन दोनों लड़कियों के संपर्क में था और वीडियो के जरिए ब्रेनवॉश करता था.
अब्दुर्रहमान: उत्तरांचल का प्रभारी, खुद कन्वर्टेड, हिंदू लड़कियों की मुस्लिम युवकों से शादी कराता था.
मुहम्मद इब्राहिम (असली नाम: रितबानिक): दोनों लड़कियों को कोलकाता ले गया, फाइनेंसिंग भी करता था.
अली हसन (असली नाम: शेखर रॉय): गोवा की आयशा का पति, बंगाल में कोर्ट का कर्मचारी, खुद भी कन्वर्टेड.
अबु तालिब: पश्चिम उत्तर प्रदेश का प्रभारी, मुजफ्फरनगर निवासी, दो लड़कियों को धर्मांतरण से रोका.
अली: जयपुर का अली पहले हिंदू राजपूत था, उसने एक मुस्लिम महिला से प्रेम संबंध के चलते इस्लाम कबूल किया. अली अब उन लोगों को लीगल गाइडेंस देता था जो धर्मांतरण करना चाहते थे.
मनोज उर्फ मुस्तफा: मनोज उर्फ मुस्तफा फुसलाकर लाई गई लड़कियों को नए मोबाइल फोन, सिम उपलब्ध करवाता था. मनोज लड़कियों को ट्रेन के बजाए बस से दूसरे राज्यों और शहर में भेजता था ताकि उन लड़कियों के घरवाले उन्हें ट्रेस न कर सकें.