इंटरनेशनल क्रिकेट के सबसे महान बॉलर श्रीलंकाई दिग्गज मुथैया मुरलीधरन ने कई वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए, जिनमें से कई तो आज भी कायम है. टेस्ट क्रिकेट में उनका सबसे ज्यादा 800 विकेट लेने का ऐतिहासिक रिकॉर्ड टूटना नामुमकिन सा ही लगता है. 800 टेस्ट विकेट का रिकॉर्ड टूटना तो दूर मुरलीधरन ने टेस्ट क्रिकेट में ही एक और ऐसा वर्ल्ड रिकॉर्ड नाम किया, जिसे तोड़ना भी बेहद मुश्किल है. उन्होंने 167 विकेट लेकर यह वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया.
मुरलीधरन के नाम 167 विकेटों का ये वर्ल्ड रिकॉर्ड
मुथैया मुरलीधरन के नाम टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा बार बोल्ड करके विकेट लेने का रिकॉर्ड है. उन्होंने अपने टेस्ट करियर में 167 बार बल्लेबाजों को बोल्ड किया. यह रिकॉर्ड इसलिए भी खास है क्योंकि स्पिन गेंदबाजों के लिए बोल्ड करके इतने विकेट लेना बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जाती है. आमतौर पर तेज गेंदबाज गति और स्विंग का इस्तेमाल कर बोल्ड करते हैं, जबकि स्पिनर्स अपनी फिरकी और वैरिएशन से बल्लेबाजों को फंसाते हैं. बोल्ड करके इतने विकेट लेना मुरलीधरन की घातक स्पिन बॉलिंग की काबिलियत को दर्शाता है, जिसमें उन्होंने दिग्गज से दिग्गज बल्लेबाजों को फंसाया.
टेस्ट में बोल्ड करके सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज
मुथैया मुरलीधरन – 167जेम्स एंडरसन – 137 शेन वॉर्न – 116रविचंद्रन अश्विन – 109फ्रेड ट्रयूमेन – 103
मुरलीधरन के अन्य वर्ल्ड रिकॉर्ड
टेस्ट क्रिकेट के साथ-साथ मुरलीधरन ने वनडे में भी अपना दबदबा बनाए रखा. उन्होंने 534 विकेट लिए जो उन्हें वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाला गेंदबाज बनाते हैं. इसके अलावा वह टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक पांच-विकेट हॉल लेने वाले गेंदबाज भी हैं. मुरलीधरन ने टेस्ट क्रिकेट की एक पारी में 67 बार 5 या उससे अधिक विकेट लिए हैं. वह टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक 10-विकेट हॉल लेने वाले गेंदबाज भी हैं. टेस्ट मैच में दोनों पारियों को मिलाकर 10 या उससे अधिक विकेट लेने का कारनामा मुरलीधरन ने 22 बार किया है.
FAQ
क्या मुरलीधरन हिंदू हैं?
मुरलीधरन का जन्म 17 अप्रैल 1972 को कैंडी, श्रीलंका में एक पहाड़ी तमिल हिंदू परिवार में हुआ था. वे सिन्नासामी मुथैया और लक्ष्मी के चार बेटों में सबसे बड़े थे. मुरलीधरन के पिता सिन्नासामी मुथैया, एक सफल बिस्किट बनाने का व्यवसाय चलाते थे.
मुरलीधरन ने 800 विकेट कैसे लिए?भारत के खिलाफ मुरलीधरन ने अपना 800वां टेस्ट विकेट लिया, जो उनका इस फॉर्मेट में आखिरी विकेट भी था. उन्होंने प्रज्ञान ओझा को आउट किया और 800 टेस्ट विकेट लेने वाले दुनिया के पहले गेंदबाज बन गए.
क्या मुरली कलाई के स्पिनर थे?नहीं, मुथैया मुरलीधरन कलाई के स्पिनर नहीं थे. वह एक ऑफ-स्पिन गेंदबाज थे, जो अपनी अनोखी कलाई की गति का इस्तेमाल करके शानदार स्पिन हासिल करते थे. हालांकि, उन्होंने बैकअप प्लान के तौर पर कलाई की स्पिन का अभ्यास किया था, लेकिन उनकी मुख्य और सबसे सफल शैली ऑफ-स्पिन ही थी. उन्हें सर्वकालिक महानतम ऑफ-स्पिनर माना जाता है.