Kukkutasana: ‘कुक्कुट’ एक संस्कृत शब्द है, जिसका मतलब होता है ‘मुर्गा’, और ‘आसन’ का अर्थ ‘मुद्रा’ है, यानी इस आसन में शरीर की स्थिति एक मुर्गे जैसी दिखती है. इसलिए इसे ‘कुक्कुटासन’ कहते हैं. यह योगासन दिखने में थोड़ा मुश्किल लग सकता है, लेकिन इसके कई फायदे भी हैं. यह न सिर्फ आपके शरीर को फुर्तीला बनाता है, बल्कि आपके दिल का भी ख्याल रखता है.
कुक्कुटासन से शरीर में मजबूती आती हैआयुष मंत्रालय के मुताबिक, कुक्कुटासन से बांह, कंधे, कोहनियां, छाती, फेफड़े आदि अंग मजबूत हों, तभी शरीर में बैलेंस बना रहता है. इस आसन को करने पर पूरा शरीर आपकी हथेलियों और बाजुओं के बल पर टिकता है. इससे कंधों, बाइसेप्स और ट्राइसेप्स पर खिंचाव आता है. इससे मसल्स मजबूत होती हैं और शरीर की ताकत भी बढ़ती है.
कुक्कुटासन सांस से जुड़ी समस्याओं से बचाव करता हैयह सांसों में गहराई और ताजगी लाता है. कुक्कुटासन के दौरान जब आप शरीर को ऊपर उठाते हैं, तो गहरी सांसें लेना जरूरी होता है. इससे आपके फेफड़े ज्यादा काम करते हैं और उनमें ऑक्सीजन फ्लो बढ़ता है. गहरी सांसें लेने से दिमाग शांत होता है और शरीर में ताजगी भर जाती है, जो थकान को दूर करती है.
कुक्कुटासन डाइजेशन को दुरुस्त बनाता हैकुक्कुटासन डाइजेशन को भी दुरुस्त करता है. इस आसन को करते समय जब पेट की मसल्स पर दबाव पड़ता है, तो इससे पेट के अंग ज्यादा एक्टिव हो जाते हैं. इससे डाइजेस्टिव जूस और एंजाइम्स का प्रोडक्शन बढ़ता है, जो खाने को अच्छे से पचाने में मदद करते हैं. गैस, कब्ज या अपच जैसी आम समस्याएं धीरे-धीरे दूर हो जाती हैं. रोजाना प्रैक्टिस से पेट और हिप्स की चर्बी भी घटती है.
कुक्कुटासन के फायदेयह आसन आपके शरीर को फुर्तीला बनाता है. जब आप खुद को हथेलियों के बल ऊपर उठाते हैं, तो शरीर में गर्मी और एनर्जी फ्लो होता है. यह पूरी तरह से आपको जागरूक बनाता है और दिमाग को एक्टिव करता है, जिससे ध्यान और कन्सनट्रेशन बढ़ती है.
कैसे करें कुक्कुटासन?कुक्कुटासन करने के लिए सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठें. इसके बाद अपने दाएं हाथ को धीरे-धीरे दाईं जांघ और पिंडली के बीच से निकालें और फिर यही प्रक्रिया बाएं हाथ के साथ दोहराएं. दोनों हथेलियों को मजबूती से जमीन पर टिका दें और ध्यान रखें कि हथेलियों के बीच लगभग 3 से 4 इंच का फासला हो. अब गहरी सांस भरते हुए हथेलियों पर दबाव डालें और पूरे शरीर को जमीन से ऊपर उठाएं. इस दौरान आपकी गर्दन सीधी और आंखें सामने की ओर केंद्रित होनी चाहिए. इस मुद्रा में 15 से 20 सेकंड तक रहें और फिर धीरे-धीरे शरीर को नीचे लाकर पद्मासन की स्थिति में वापस आ जाएं.–आईएएनएस
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.