Uttar Pradesh

Guava farming tips : बारिश में अमरूद किसान इन बातों का रखें ध्यान, पैसे छापने का यही मौका

Last Updated:July 17, 2025, 05:07 ISTGuava farming tips in rainy season : बारिश से मिट्टी में नमी बनी रहती है और पौधों की वृद्धि बेहतर होती है. मिट्टी में पोषक तत्वों का संचय होता है, जो फसलों की उपज में वृद्धि करता है. लेकिन खतरे भी कई हैं.रायबरेली. बारिश का मौसम फसलों के लिए बहुत लाभकारी होता है. इस मौसम में प्राकृतिक रूप से सिंचाई हो जाती है, जिससे मिट्टी में नमी बनी रहती है और पौधों की वृद्धि बेहतर होती है. वर्षा के कारण मिट्टी में पोषक तत्वों का संचय भी होता है, जो फसलों की उपज में वृद्धि करता है. अच्छी वर्षा के कारण जल स्तर भी ठीक रहता है, जिससे किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त जल मिलता है. लेकिन कुछ फसले ऐसी हैं जो बारिश के मौसम में खराब होने लगती हैं. इन्हीं में अमरूद की फसल भी आती है, जिस पर बारिश के मौसम में कीट, फंगस और फफूंद जनित रोग लग जाते हैं, जो अमरूद के फल और पौधे को नुकसान पहुंचाते हैं. आइये जानते हैं कि बारिश के मौसम में अमरूद की खेती करने वाले किसान क्या करें.

फौरन करें ये काम

उद्यानिक के क्षेत्र में 10 वर्षों का अनुभव रखने वाले रायबरेली जिले के उद्यान निरीक्षक नरेंद्र प्रताप सिंह (बीएससी एग्रीकल्चर, इलाहाबाद विश्वविद्यालय) लोकल 18 से कहते हैं कि बारिश के मौसम में कुछ आसान टिप्स अपनाकर किसान अमरूद की फसल का कीट और रोग से बचाव कर सकते हैं. पेड़ों के आसपास की गिरी हुई पत्तियां और फलों को हटाएं. यह तरीका फफूंद और कीटों के संक्रमण को रोकने में मदद करता है. पौधों का नियमित निरीक्षण करें. किसी भी प्रकार के रोग या कीट के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत उसे पौधे से हटा दें.

ये बातें सबसे जरूरी

खेत में जल निकासी की उचित व्यवस्था करें. ताकि पानी का ठहराव न हो. जल ठहराव से फफूंदजनित रोगों का खतरा बढ़ जाता है. बारिश के दौरान सिंचाई को नियंत्रित करें और केवल आवश्यकतानुसार ही पानी दें. बविस्टिन, कार्बेन्डाजिम, या कापर ऑक्सीक्लोराइड जैसे फफूंदनाशकों का प्रयोग करें. इनके उपयोग से फफूंदजनित रोगों से बचाव होता है. नीम तेल, इमिडाक्लोप्रिड, या बायोपेस्टीसाइड्स का उपयोग करें. यह कीटों को नियंत्रित करने में मदद करेगा. नीम का तेल, ट्राइकोडर्मा, बायोपेस्टीसाइड्स, और अन्य जैविक उत्पादों का उपयोग करें.

इन बातों की भी रखें ध्यान

कीटों के प्राकृतिक शत्रुओं को बढ़ावा दें, जैसे परजीवी ततैया और लेडीबर्ड बीटल. पौधों के चारों ओर मल्चिंग करें. इससे मिट्टी की नमी बनी रहती है और फफूंदजनित रोगों का खतरा कम होता है. पौधों की उचित कटाई-छंटाई करें ताकि हवा और प्रकाश का संचार अच्छा हो सके. इससे पौधों पर नमी कम रहेगी और फफूंदजनित रोगों का खतरा कम होगा. फलों को कागज या प्लास्टिक के बैग में ढक दें .इससे फल मक्खी और अन्य कीटों से बचाव होगा. नीम और लहसुन के मिश्रण का स्प्रे करें. यह प्राकृतिक कीटनाशक का काम करता है. सोडा और पानी के मिश्रण से पौधों पर छिड़काव करें. यह फफूंदजनित रोगों को नियंत्रित करने में मदद करेगा. रोग प्रतिरोधी किस्मों का चयन करें जो फफूंद और कीटों के प्रति अधिक सहनशील हों. फलों की समय पर कटाई करें ताकि वे अधिक समय तक पौधों पर न रहें और रोगों का खतरा कम हो.Location :Rae Bareli,Uttar Pradeshhomeagricultureबारिश में अमरूद किसान इन बातों का रखें ध्यान, पैसे छापने का यही मौका

Source link

You Missed

Army releases video to debunk Trump claims on brokering Pakistan ceasfire
Top StoriesSep 4, 2025

सेना ने ट्रंप के दावों को खारिज करने के लिए पाकिस्तान शांति समझौते को मध्यस्थता करने के दावों पर वीडियो जारी किया

भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुई सैन्य कार्रवाई के बारे में एक वीडियो सामने आया…

2 security personnel killed in gunfight with Maoists in Jharkhand: Palamu DIG
Top StoriesSep 4, 2025

झारखंड में माओवादियों के साथ गोलीबारी में 2 सुरक्षा कर्मी शहीद, पलामू डीआईजी

रांची: झारखंड के पलामू जिले में बुधवार को प्रतिबंधित तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति समिति (टीएसपीसी) के सदस्यों के साथ…

End War Via Talks or I Will End it By Force: Putin Tells Ukraine
Top StoriesSep 4, 2025

युद्ध वार्ता से समाप्त करें या मैं बल का सहारा लेकर समाप्त कर दूंगा: पुतिन ने यूक्रेन को संदेश दिया

मास्को: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को कीव को बताया कि यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने…

Scroll to Top