Health Benefits of Changeri: चांगेरी का साइंटिफिक नाम ‘ऑक्सालिस कॉर्निकुलाटा’है. यह एक बारहमासी पौधा है, जिसकी पत्तियां स्वाद में खट्टी होती हैं. यह आमतौर पर बगीचों, मैदानों और सड़क के किनारों में पाया जाता है. आयुर्वेद में, चांगेरी का इस्तेमाल डाइजेशन से जुड़ी समस्याओं, दस्त और बवासीर जैसी बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है. इसके पत्तों का इस्तेमाल चटनी, सूप और दूसरे व्यंजनों में भी किया जाता है.
चांगेरी के फायदेचरक और सुश्रुत संहिता में चांगेरी का जिक्र मिलता है. चरक संहिता में इसे शाक वर्ग और अम्लस्कन्ध, तथा सुश्रुत संहिता में इसे शाक वर्ग में जिक्र किया गया है. इसका मुख्य इस्तेमाल दस्त (अतिसार) डाइजेशन से जुड़ी समस्याओं के इलाज में किया जाता है. चांगेरी के पत्तों का काढ़ा (20-40 मिली) भुनी हुई हींग के साथ मिलाकर पीने से पेट दर्द और डाइजेशन से जुड़ी समस्याओं में लाभ मिलता है. यह महिलाओं में डाइजेशन सिस्टम को मजबूत करने में सहायक है.
महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंदबताया जाता है इसका इस्तेमाल से महिलाओं में होने वाली ल्यूकोरिया (व्हाइट डिस्चार्ज) की समस्या में भी किया जाता है. इसके पत्तों का रस मिश्री के साथ सेवन करने से ल्यूकोरिया के कारण होने वाली दर्द और हड्डियों की कमजोरी में राहत मिलती है.
स्किन के लिए फायदेमंदचांगेरी स्किन के लिए फायदेमंद हो सकती है. इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीफंगल गुण मुंहासे, काले धब्बे और स्किन की जलन को कम करने में मदद कर सकते हैं. वहीं, चांगेरी के फूलों को पीसकर चावल के आटे के साथ मिलाकर चेहरे पर लगाने से त्वचा का रंग निखरता है और दाग-धब्बों से छुटकारा मिलता है.
चांगेरी के गुणचांगेरी विटामिन-सी का एक अच्छा स्रोत है, जो डिफेंस सिस्टम को मजबूत करने में मदद करता है और स्कर्वी जैसी बीमारियों को रोकता है.
चांगेरी के पत्तों के फायदेचांगेरी के पत्तों का लेप जोड़ों के दर्द, गठिया और सूजन को कम करने में बहुत फायदेमंद है. इसके पीछे मुख्य कारण इसके सूजन-रोधी गुण हैं. ये गुण सूजन को कम करने और दर्द से राहत दिलाने में मदद करते हैं. हालांकि इसके प्रयोग से पहले डॉक्टर से एक बार सलाह जरूर लें.–आईएएनएस
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.