those with complete smell loss die within five years Study claim | स्मेल आना बंद हो जाए तो क्या होगा? 5 साल में मौत से हो सकता है सामना; रिसर्च का खुलासा

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those with complete smell loss die within five years Study claim | स्मेल आना बंद हो जाए तो क्या होगा? 5 साल में मौत से हो सकता है सामना; रिसर्च का खुलासा



अगर आपको लगता है कि सूंघने की शक्ति बस खाना-पीना महसूस करने के लिए है, तो एक बार फिर सोचिए. हाल ही में विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि सूंघने की क्षमता में कमी सिर्फ कोविड-19 जैसे वायरस का संकेत नहीं, बल्कि यह गंभीर बीमारियों की ओर भी इशारा कर सकती है. कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, इरविन के न्यूरो बायोलॉजिस्ट माइकल लियोन ने हाल ही में कहा कि मिडिल एज में आपकी मौत की संभावना को आपकी सूंघने की शक्ति से मापा जा सकता है.
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स्मेल नहीं आने पर क्या होता है?
एक बड़ी स्टडी में पाया गया कि जिन बुजुर्गों को गंध का अहसास बिल्कुल नहीं था, उनमें से 39% की पांच साल के भीतर मौत हो गई, जबकि जिनकी सूंघने की शक्ति सामान्य थी, उनमें यह आंकड़ा सिर्फ 10% था. इसका मतलब यह नहीं कि सूंघने की शक्ति खोना मौत की गारंटी है, बल्कि यह किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है.
किन बीमारियों से है संबंध?
सूंघने की शक्ति खोना 100 से अधिक बीमारियों से जुड़ा पाया गया है. इसमें पार्किंसन, अल्जाइमर, दिल की बीमारियां और आर्थराइटिस जैसी जानलेवा बीमारियां शामिल हैं. कई शोधों में यह भी पाया गया है कि जिनकी सूंघने की शक्ति कमजोर होती है, वे सोचने-समझने की परीक्षाओं में भी खराब प्रदर्शन करते हैं.
दिमाग से जुड़ा नाक
नाक का सीधा संबंध हमारे दिमाग के उन हिस्सों से होता है जो याददाश्त, भावना और फैसले लेने से जुड़े होते हैं. यही कारण है कि किसी खास खुशबू से हम बचपन की यादों में चले जाते हैं. जब यह तंत्र कमजोर होता है, तो मानसिक उत्तेजना भी घटती है.
समाधान
अच्छी बात यह है कि गंध की ट्रेनिंग से सुधार संभव है. नियमित रूप से अलग-अलग स्मेल को सूंघने से सूंघने की शक्ति बेहतर हो सकती है. एक रिसर्च में यहां तक पाया गया कि नींद के दौरान सुगंध का प्रभाव हमारी याददाश्त बढ़ा सकता है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.



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