Last Updated:July 15, 2025, 15:41 ISTMBBS Admission, NEET: 2025 से तमिलनाडु के सेल्फ फाइनेंसिंग मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई और महंगी हो गई है. खासकर मैनेजमेंट और एनआरआई कोटे वालों की जेब पर अब पहले से ज्यादा बोझ पड़ेगा.MBBS, NEET, mbbs admission: एमबीबीएस में कितनी लगेगी फीस?हाइलाइट्सMBBS की पढ़ाई होगी महंगी.हर साल 1.5 लाख रुपये बढ़ी फीस.एनआरआई कोटे की फीस भी बढ़ी.MBBS Admission, NEET 2025: अगर आप MBBS करने की सोच रहे हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है. तमिलनाडु के सेल्फ-फाइनेंसिंग मेडिकल कॉलेजों में 2025 से MBBS कोर्स की फीस में 1.5 लाख रुपये सालाना की बढ़ोतरी होने वाली है यानी अब मैनेजमेंट कोटा के तहत फीस 13.5 लाख से बढ़कर 15 लाख रुपये सालाना हो जाएगी. NRIs के लिए भी एमबीबीएस की फीस 2.5 लाख रुपये बढ़ रही है, जो अब 24.5 लाख से 27 लाख रुपये सालाना हो गई है.
MBBS Admission Fees: कौन-कौन प्रभावित होगा?
इस फीस बढ़ोतरी का असर सिर्फ मैनेजमेंट और NRI कोटा पर पड़ेगा.सरकार के कोटा (Govt Quota) वाले स्टूडेंट्स की फीस वैसी की वैसी ही रहेगी यानी कोई बदलाव नहीं होगा, लेकिन जो स्टूडेंट्स स्टेट प्राइवेट यूनिवर्सिटीज में NRI कोटा से एडमिशन लेंगे उनकी फीस अब 29.94 लाख से बढ़कर 30 लाख रुपये सालाना हो जाएगी जो 60,000 रुपये की मामूली बढ़ोतरी है.तमिलनाडु में हर साल 11,700 MBBS सीट्स होती हैं जिसमें 5,050 सीट्स सरकारी कॉलेजों में हैं. बाकी 22 प्राइवेट सेल्फ-फाइनेंसिंग कॉलेज और 4 प्राइवेट यूनिवर्सिटीज में हैं.
MBBS New Fees: नई फीस कब से लागू होगी?
ये रिवाइज्ड फीस स्ट्रक्चर 2025, 2026 और 2027 के एडमिशन के लिए लागू होगा.ये फैसला जस्टिस पोंगियप्पन की अगुआई वाली फीस फिक्सेशन कमेटी ने लिया है जो प्राइवेट मेडिकल और डेंटल कोर्स की फीस तय करती है. कमेटी का कहना है कि ये फीस MBBS और PG कोर्सेस के लिए होगी.
NRI Quota for MBBS: NRI लैप्स सीट्स का क्या हुआ?
बड़ी खबर ये है कि अब NRI लैप्स सीट्स की कैटेगरी खत्म हो गई है.पहले अगर NRI सीट्स 3 राउंड काउंसलिंग के बाद खाली रहती थीं तो उन्हें NRI लैप्स में डालकर 21.5 लाख रुपये फीस ली जाती थी, लेकिन अब ये सीट्स मैनेजमेंट कोटा में चली जाएंगी.जहां फीस 30% कम होगी यानी भारतीय स्टूडेंट्स को ये सीट्स सस्ते में मिल सकती हैं. इससे मिडिल क्लास स्टूडेंट्स को फायदा हो सकता है.
MBBS Fees: अतिरिक्त फीस और नियम
कॉलेज अब 60,000 रुपये एक्स्ट्रा डेवलपमेंट फीस ले सकते हैं.साथ ही स्टूडेंट्स के लिए ग्रुप इंश्योरेंस स्कीम अनिवार्य की गई है जिसका खर्च कॉलेज उठाएंगे, लेकिन ध्यान रखें हॉस्टल, ट्रांसपोर्ट और मेस चार्जेस इस फीस में शामिल नहीं हैं.ये ऑप्शनल हैं. कॉलेजों को काउंसलिंग से पहले सारी फीस डिटेल्स स्टेट सेलेक्शन कमेटी को देनी होगी. साथ ही कैपिटेशन फीस या कोई और एक्स्ट्रा चार्ज लेना मना है.
MBBS Seats: कितनी सीट्स कहां हैं?
सेल्फ-फाइनेंसिंग कॉलेजों में नॉन-माइनॉरिटी इंस्टीट्यूट्स 65% सीट्स और माइनॉरिटी इंस्टीट्यूट्स 50% सीट्स सरकार के कोटा के लिए रिजर्व रखते हैं.सारी सीट्स की काउंसलिंग स्टेट सेलेक्शन कमेटी करती है.ये फीस बढ़ोतरी मेडिकल की पढ़ाई को थोड़ा महंगा जरूर बना रही है,लेकिन NRI लैप्स सीट्स खत्म होने से भारतीय स्टूडेंट्स को मौका मिलेगा.
Dhiraj Raiअसिस्टेंट एडिटरन्यूज़18 हिंदी (Network 18) डिजिटल में असिस्टेंट एडिटर के तौर पर कार्यरत. करीब 13 वर्ष से अधिक समय से मीडिया में सक्रिय. हिन्दुस्तान, दैनिक भास्कर के प्रिंट व डिजिटल संस्करण के अलावा कई अन्य संस्थानों में कार्य…और पढ़ेंन्यूज़18 हिंदी (Network 18) डिजिटल में असिस्टेंट एडिटर के तौर पर कार्यरत. करीब 13 वर्ष से अधिक समय से मीडिया में सक्रिय. हिन्दुस्तान, दैनिक भास्कर के प्रिंट व डिजिटल संस्करण के अलावा कई अन्य संस्थानों में कार्य… और पढ़ेंhomecareerडॉक्टर बनना हुआ और महंगा, बढ़ गई कॉलेजों की फीस, MBBS की पढ़ाई होगी महंगी