यूपी में यहां मां आदि शक्ति के साथ स्फटिक मणि के रूप में विराजमान हैं भोलेनाथ, दर्शन मात्र से हो जाता है बेड़ापार!

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Last Updated:July 14, 2025, 13:21 ISTSawan 2025: मेरठ के सम्राट पैलेस स्थित त्रिपुरा सुंदर महादेव मंदिर में भगवान भोलेनाथ स्फटिक मणि के रूप में विराजमान है. ऐसे में जो भी बोले भक्त विधि विधान के साथ भोले बाबा की पूजा अर्चना करते है. उनकी भगवान सभी…और पढ़ें विशाल भटनागर/ मेरठ: पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मेरठ की बात करें तो मेरठ को ऐतिहासिक एवं पौराणिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. यहां पर विभिन्न प्रकार के ऐसे ऐतिहासिक शिवालय हैं. जिनके प्रति भक्तों में काफी आस्था देखने को मिलती है. कुछ इसी तरह का नजारा मेरठ के सम्राट पैलेस स्थित त्रिपुरा सुंदर महादेव मंदिर में भी देखने को मिलेगा. जहां भोले बाबा मां पार्वती के साथ स्फटिक मणि के रूप में विराजमान है. ऐसे में लोकल-18 की टीम द्वारा मंदिर के मुख्य पुजारी राधिकानंद ब्रह्मचारी से खास बातचीत की गई.

सच्चे मन से पूजा अर्चना करने पर होती है भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण

मंदिर के मुख्य पुजारी राधिकानंद ब्रह्मचारी ने लोकल 18 से खास बातचीत करते हुए बताया कि स्फटिक मणि को मां आदि शक्ति और भोले बाबा दोनों का स्वरूप माना जाता है. ऐसे में जो भी श्रद्धालु विधि-विधान के साथ सावन माह में स्फटिक मणि की पूजा अर्चना करते हैं. उनकी सभी मनोकामनाओं को भोले बाबा एवं आदिशक्ति दोनों पूर्ण करते हैं. उन्होंने बताया कि शास्त्रों में स्फटिक मणि काफी पवित्र मानी जाती है. ऐसे में इसकी पूजा अर्चना करने को लेकर भी शास्त्रों में विभिन्न प्रकार के नियम हैं.

इन वस्त्र से कर सकते हैं स्फटिक मणि की पूजा

राधिकानंद ब्रह्मचारी बताते हैं कि जो भी श्रद्धालु स्फटिक मणि के रूप में भगवान भोलेनाथ व मां पार्वती की पूजा अर्चना करना चाहते हैं. ऐसे सभी श्रद्धालुओं को वस्त्रो का विशेष ध्यान रखना होगा. उन्होंने बताया कि पुरुष जहां कांच की धोती एवं अंग वस्त्र धारण कर पूजा अर्चना करना चाहिए. वहीं महिलाएं साड़ी धारण करने के पश्चात ही स्फटिक मणि की पूजा अर्चना कर सकती हैं. तभी उनकी पूजा सफल मानी जाती है.

बताते चलें कि जिस प्रकार रुद्राक्ष को भोलेनाथ का स्वरूप माना जाता है. काफी श्रद्धालुओं से इसे धारण भी करते हैं. वैसे ही स्फटिक मणि  आदिशक्ति के रूप में पूजी जाती है. यही कारण है कि यहां पर दूर दराज से श्रद्धालु विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करते हैं. वर्ष 1989 में जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती ने मंदिर की स्थापना कराई थी. यहां पर मां राज राजेश्वरी भी विराजमान है.Location :Meerut,Uttar Pradeshhomedharmयूपी में यहां मां आदि शक्ति के साथ स्फटिक मणि के रूप में विराजमान हैं भोलेनाथ

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