Neeraj Chopra vs Arshad Nadeem: पेरिस ओलंपिक के बाद नीरज चोपड़ा और पाकिस्तान के अरशद नदीम के बीच मुकाबले के लिए एक और बड़ा मंच तैयार है. दो बार के ओलंपिक मेडल विजेता नीरज चोपड़ा और पेरिस ओलंपिक में गोल्ड जीतने वाले अरशद नदीम 16 अगस्त को पोलैंड के सिलेसिया में डायमंड लीग मीट में एक-दूसरे के आमने-सामने होंगे. पेरिस ओलंपिक जैवलिन फाइनल में नदीम ने 92.97 मीटर का शानदार थ्रो फेंकते हुए दुनिया को चौंका दिया था और स्वर्ण पदक जीता था. 89.45 मीटर का थ्रो फेंकने वाले नीरज चोपड़ा दूसरे स्थान पर रहे थे. उन्हें सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा था.
सालभर बाद फिर आमने-सामने
लगभग एक साल बाद दोनों दिग्गज फिर से आमने-सामने होंगे. विश्व एथलेटिक्स के अनुसार, सिलेसिया में होने वाले मुकाबले को पेरिस ओलंपिक के बाद ‘बदला’ लेने का पहला मौका माना जा रहा है. 27 साल के चोपड़ा वैश्विक सर्किट पर सक्रिय रहे हैं और उन्होंने चार डायमंड लीग मुकाबलों और यूरोप व भारत में कई अन्य विशिष्ट स्पर्धाओं में भाग लिया है, जबकि 28 साल के नदीम 2024 में ओलंपिक में गोल्ड जीतने के बाद ज्यादा सक्रिय नहीं रहे हैं. उन्होंने सिर्फ दक्षिण कोरिया के गुमी में एशियाई चैंपियनशिप में हिस्सा लिया था और स्वर्ण पदक जीता था.
शानदार फॉर्म में नीरज
नीरज चोपड़ा ने मई में दोहा डायमंड लीग में 90.23 मीटर का थ्रो फेंका था. वह 90 मीटर का आंकड़ा पार करने वाले इतिहास के केवल 26वें भाला फेंक खिलाड़ी बने. हालांकि, उस स्पर्धा में नीरज जर्मनी के जूलियन वेबर के बाद दूसरे स्थान पर रहे. चोपड़ा ने इसके बाद लगातार अच्छा प्रदर्शन किया. नीरज ने जानुस कुसोसिन्स्की मेमोरियल (84.14 मीटर) में दूसरा स्थान, पेरिस डीएल (88.16 मीटर) में जीत, ओस्ट्रावा में गोल्डन स्पाइक (85.29 मीटर) में जीत और बेंगलुरु में एनसी क्लासिक (86.18 मीटर) में शीर्ष स्थान हासिल किया. वर्तमान में भाला फेंक के दिग्गज प्रशिक्षक जान जेलेजनी से प्रशिक्षण ले रहे नीरज चोपड़ा पूरी तरह से तैयार दिख रहे हैं.
इतिहास रचने की तैयारी में हैं नीरज
भारत के डबल ओलंपिक मेडलिस्ट नीरज ने हाल ही में कहा था कि वह अब अपने भाले को और भी दूर फेंकने की तैयारी कर रहे हैं. एक इवेंट में बोलते हुए उन्होंने बताया कि उनके कोच, महान जान जलेजनी, उनकी तकनीक में एक बड़ी कमी को ठीक कर रहे हैं, जिसकी वजह से उनकी काफी ताकत बर्बाद हो रही थी. नीरज ने हाल ही में 90 मीटर का आंकड़ा पार किया है, लेकिन उनका लक्ष्य इससे भी आगे जाना है.
उन्होंने बताया कि भाला फेंकते समय वे अक्सर अपनी बाईं ओर ज्यादा झुक जाते हैं, जिससे दौड़ने के दौरान जो ताकत बनती है, वो बेकार चली जाती है. नीरज का कहना है कि अगर वे अपनी इस नई तकनीक में महारत हासिल कर लेते हैं और इसे लगातार अपना पाते हैं, तो भविष्य में वे और भी दूर भाला फेंक पाएंगे. नीरज का सबसे बड़ा लक्ष्य अपने अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन (90.23 मीटर) को 1 या 2 मीटर और आगे बढ़ाना है.
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