कूड़े से बनेगा ईंधन! सहारनपुर में लगेगा ऐसा प्लांट, जिससे रोजाना बनेगी 5 टन CBG और 20 टन खाद

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सहारनपुर: सोचिए, अगर आपके घर से निकलने वाला कूड़ा-करकट शहर की कमाई का ज़रिया बन जाए, तो? अब ये कल्पना नहीं, हकीकत बनने जा रही है. उत्तर प्रदेश के सहारनपुर शहर में जल्द ही ठोस अपशिष्ट (Solid Waste) से CBG यानी कम्प्रेस्ड बायो गैस बनाई जाएगी. इस दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए सहारनपुर नगर निगम और देश की प्रमुख ऊर्जा कंपनी BPCL (भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड) के बीच आधिकारिक समझौता हो गया है.

रोजाना 150 टन जैविक कचरे से बनेगी गैस नगर निगम के मुताबिक, सहारनपुर में हर दिन लगभग 391 मीट्रिक टन ठोस कचरा उत्पन्न होता है, जिसमें से एक बड़ी मात्रा बायोडिग्रेडेबल वेस्ट होती है. इसी कचरे का बेहतर प्रबंधन करने के लिए अब घुन्ना महेश्वरी गांव में एक अत्याधुनिक CBG प्लांट लगाया जा रहा है, जिसकी क्षमता 150 टीपीडी (टन प्रति दिन) होगी.

महापौर डॉ. अजय सिंह ने बताया कि नगर निगम BPCL को रोज़ाना 150-180 टीपीडी जैविक कचरे की सप्लाई देगा. इससे हर दिन करीब 5 से 8 टन CBG गैस और 20 टन ऑर्गेनिक खाद तैयार की जाएगी. यानी अब कूड़ा सिर्फ निपटाने की चीज नहीं रह जाएगा, बल्कि कमाई का मजबूत ज़रिया बनेगा.

तैयार हो चुकी है ज़मीनBPCL के अधिकारियों के अनुसार, यह प्लांट करीब 1.5 साल में पूरी तरह से चालू हो जाएगा. इसके लिए घुन्ना महेश्वरी में ज़मीन का अधिग्रहण पहले ही हो चुका है और वहां चारदीवारी, शेड और मूलभूत संरचना का निर्माण भी किया जा चुका है.

महापौर ने इस दिन को सहारनपुर के लिए ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि यह CBG प्लांट पर्यावरण संरक्षण और सतत शहरी विकास की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है. इससे न सिर्फ शहर की सफाई व्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि स्वच्छ ईंधन का उत्पादन भी होगा, जो भविष्य में कई तरह के व्यवसायिक और सामाजिक लाभ देगा.

क्या है CBG प्लांट की खासियत?CBG प्लांट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह जैविक कचरे से स्वच्छ ऊर्जा और खाद दोनों तैयार करता है. इस प्लांट में प्रतिदिन 5 से 8 टन CBG गैस का निर्माण किया जाएगा, जबकि साथ ही साथ लगभग 20 टन ऑर्गेनिक खाद भी तैयार होगी. इससे न केवल अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार होगा, बल्कि यह पारंपरिक कूड़ा निस्तारण से आगे बढ़कर सर्कुलर इकॉनमी की दिशा में एक ठोस कदम साबित होगा.

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