जुलाई में धान नहीं, लगा दें ये घास, 50 साल तक छापें नोट, न खाद देना पड़ेगा, न पानी, बच्चे कहेंगे वाह! पिता जी वाह!

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Last Updated:July 12, 2025, 18:38 ISTBamboo Farming Tips : इसे लगान के 3 साल बाद किसानों को आमदनी मिलना शुरू हो जाती है. प्रति एकड़ 200 से 300 टन तक पैदावार होती है. जल-संकट वाले क्षेत्रों के लिए ये सबसे बढ़िया फसल है.शाहजहांपुर. अगर आपके पास सिंचाई के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं और आप गेहूं, धान या गन्ना समेत मुख्य फसलें नहीं लगा सकते हैं, तो परेशान होने की जरूरत नहीं. आपके लिए बांस की खेती एक बेहतर विकल्प हो सकता है. बांस को लगाने के लिए जुलाई का यह महीना बेहद ही उपयुक्त है. बांस की फसल एक बार लगाने के 3 साल बाद किसानों को आमदनी मिलना शुरू हो जाती है. बांस की खेती किसानों के लिए कई मायनों में फायदेमंद साबित हो सकती है. बांस की मांग बाजार में लगातार बढ़ रही है. इसका फर्नीचर और कई तरह के उत्पाद बनाए जाते हैं.

बार-बार बुवाई की जरूरत नहीं

कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनपी गुप्ता बताते हैं कि धान और गेहूं जैसी पारंपरिक फसलों के मुकाबले बांस की खेती से आप चार गुना तक अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. बांस एक प्रकार की घास होती है. एक बार लगाई गई बांस की फसल 40-50 साल तक चल सकती है, जिससे किसान को बार-बार बुवाई की जरूरत नहीं होती. बांस बहुउद्देशीय होता है. इसे मेड़ या पूरे खेत में भी लगा सकते हैं. बांस की कई किस्में होती हैं. बांसुरी वाला बांस, लाठी वाला बांस, इमारती बांस और सजावटी बांस. बांस की खेती किसानों के लिए एक बेहतरीन आय का स्रोत बन सकती है. यह फसल 3 से 4 साल में कटाई के लिए तैयार हो जाती है और प्रति एकड़ 200 से 300 टन तक पैदावार दे सकती है.

कैसी मिट्टी चाहिए?

बांस की खेती को वैज्ञानिक तरीके से की जाए तो अच्छा मुनाफा लिया जा सकता है. बांस को वैसे तो किसी भी तरह की मिट्टी में लगाया जा सकता है. लेकिन हल्की, बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है. जल निकासी की अच्छी व्यवस्था वाली भूमि में बांस की पैदावार अधिक होती है. बांस को मानसून के दौरान लगाना चाहिए. बांस की फसल के लिए जुलाई का महीना सबसे उपयुक्त है. इस समय लगाने से पौधों को अच्छी ग्रोथ के लिए पर्याप्त नमी मिलती है. बांस के पौधों को नर्सरी में तैयार किया जा सकता है. नर्सरी में तैयार पौधों को 8 से 10 महीने बाद मुख्य खेत में रोपा जाता है. शुरुआती 2 से 3 साल तक बांस को नियमित सिंचाई की आवश्यकता होती है. इसके अलावा, जैविक खाद और उर्वरकों का उपयोग करके मिट्टी की उर्वरता बनाए रखना आवश्यक है.

अंटार्कटिका से इसका कनेक्शन

बांस की पहली कटाई 3 से 4 साल बाद की जाती है. इसके बाद, हर 2 से 3 साल में कटाई की जा सकती है. कटाई के बाद बांस की उचित देखभाल और संरक्षण भी आवश्यक है. अच्छी देखभाल करने से लंबे समय तक बांस से अच्छा उत्पादन लिया जा सकता है. बांस तेजी से बढ़ने वाली घास है और यह कार्बन डाइऑक्साइड को अधिक मात्रा में अवशोषित करती है, जो ग्लेशियर पिघला रहे हैं. इसके अलावा, यह मिट्टी की गुणवत्ता को भी सुधारती है और भू-क्षरण को रोकती है. बांस की खेती में पानी की आवश्यकता धान और गेहूं की खेती की तुलना में काफी कम होती है. यह जल-संकट वाले क्षेत्रों के लिए एक आदर्श फसल है.Location :Shahjahanpur,Uttar Pradeshhomeagricultureजुलाई में धान नहीं, लगा दें ये घास, 50 साल तक छापें नोट, न खाद देना, न पानी

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