Why should uterus not be removed before 40 years Know disadvantages of having hysterectomy at young age | 40 साल से पहले क्यों नहीं निकलवानी चाहिए बच्चेदानी? जानें कम उम्र में हिस्टेरेक्टॉमी कराने के नुकसान

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Why should uterus not be removed before 40 years Know disadvantages of having hysterectomy at young age | 40 साल से पहले क्यों नहीं निकलवानी चाहिए बच्चेदानी? जानें कम उम्र में हिस्टेरेक्टॉमी कराने के नुकसान



गर्भाशय केवल एक बच्चे को जन्म देने वाला अंग नहीं है. यह महिलाओं के मासिक चक्र, हार्मोन संतुलन और यौन स्वास्थ्य से भी गहराई से जुड़ा होता है. इसलिए गर्भाशय को हटाने का फैसला महिलाओं को सोच-समझकर लेना चाहिए. इसके बावजूद महिलाओं में बच्चेदानी निकलवाने की सर्जरी काफी कॉमन होती जा रही है. प्रेग्नेंसी और पीरियड्स से छुटकारा पाने के लिए महिलाएं कम उम्र में हिस्टेरेक्टोमी करवा रही हैं.
जबकि डॉक्टर्स भी 40 की उम्र से पहले बच्चेदानी हटवाने के लिए मना करते हैं. हालांकि कोई ऐसी मेडिकल कंडीशन हो जिसमें यूट्रस निकलवाना ही एक मात्रा रास्ता रहा सेहत को बेहतर करना तो हिस्टेरेक्टॉमी में कोई दिक्कत नहीं है. यूट्रस की जरूरत और कम उम्र में इसे निकलवाने के क्या नुकसान हो सकते हैं, यहां आप समझ सकते हैं. 
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यूट्रस की जरूरत क्यों है
यूट्रस पीरियड साइकल के लिए जरूरी है. हर महीने इसकी अंदरूनी परत एंडोमेट्रियम का झड़ना महिला के हार्मोनल स्वास्थ्य का संकेत होता है. इसके साथ ही गर्भाशय मूत्राशय और आंत जैसे आस-पास के अंगों को सहारा देता है. सेक्सुअल और वजाइनल हेल्थ में भी यह अंग अहम भूमिका निभाता है.   
बिना मेडिकल कंडीशन बच्चेदानी हटाने के नुकसान
बच्चेदानी हटाने से सबसे पहला असर पीरियड्स पर नजर आता है. हिस्टरक्टॉमी से पीरियड्स आना बंद हो जाते हैं. जिससे अचानक हार्मोन में गिरावट आती है, जिससे हॉट फ्लैश, मूड स्विंग्स, हड्डियों में कमजोरी और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता है. बिना गर्भाशय के, पेल्विक अंगों का सहारा कम हो जाता है जिससे अंगों के खिसकने, पेशाब कंट्रोल करने या मल द्वार की समस्याएं हो सकती हैं. कुछ महिलाओं में लुब्रिकेशन की कमी या सेक्स के दौरान संवेदना में बदलाव भी देखा गया है. जो महिलाएं मां नहीं बनीं उनमें हिस्टरक्टॉमी के बाद डिप्रेशन, आत्म-संवेदना में कमी और पहचान का संकट आ सकता है.
हिस्टरक्टॉमी कब जरूरी होती है?
कुछ मेडिकल कंडीशन में यूट्रस हटाना ही एकमात्र रास्ता होता है. जिससे मरीज एक हद तक नॉर्मल लाइफ जी सके. इसमे फाइब्रॉयड्स, एंडोमेट्रियोसिस, गर्भाशय का कैंसर या प्री-कैंसर कंडीशन, क्रोनिक पेल्विक पेन, गर्भाशय का ढीलापन और एडिनोमायोसिस मुख्य रूप से शामिल हैं. लेकिन यदि उम्र 40 से कम है और बीमारी जानलेवा नहीं है, तो सर्जरी के नतीजे गंभीर हो सकते हैं.
क्या हर महिला को गर्भाशय हटवाना चाहिए?डॉक्टर तब तक यूट्रस निकलवाने की सलाह नहीं देते जब कि कोई मेडिकल कंडीशन न हो और बच्चेदानी हटाना ही एक मात्र रास्त हो. गर्भाशय सिर्फ एक बच्चा पैदा करने का अंग नहीं है. यह महिला के संपूर्ण स्वास्थ्य, भावनात्मक स्थिरता और आत्म-छवि से जुड़ा होता है. यदि गंभीर बीमारी है, तब तो यह सर्जरी जरूरी और जीवन रक्षक हो सकती है, लेकिन सुविधा, सामाजिक दबाव या कम जानकारी के चलते इसे करवाना खतरनाक हो सकता है.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.



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