कौशांबी: उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक बुजुर्ग महिला के गायब होने की आड़ में एक शिक्षक को झूठे अपहरण के केस में फंसा दिया गया. यह कहानी है SAV इंटर कॉलेज, सैनी के पूर्व प्रधानाचार्य रामबदन भार्गव की, जो सिराथू कस्बे के मूल निवासी हैं. उनका पैतृक गांव मोहम्मदपुर पाइंसा के खुजा गांव में है और इन्होंने यहीं से अपनी प्राथमिक शिक्षा शुरू की थी.
रामबदन भार्गव ने अपनी शिक्षा पूरी कर अध्यापक का पद संभाला और दो इंटर कॉलेजों में प्रवक्ता के रूप में लंबे समय तक सेवाएं दीं. शिक्षा के साथ-साथ पत्रकारिता का भी शौक रखने वाले रामबदन आज रिटायर हो चुके हैं. लेकिन 22 जून 2025 को उनके जीवन में एक ऐसा तूफान आया जिसने उनके सम्मान और परिवार को झकझोर कर रख दिया.
क्या है पूरा मामला?
22 जून को भानमती नाम की एक वृद्ध महिला के लापता होने का मामला थाने में दर्ज हुआ. इस मामले में सीधे-सीधे रामबदन भार्गव और उनके परिवार के चार सदस्यों को आरोपी बना दिया गया. रामबदन बताते हैं कि भानमती मोहब्बतपुर पाइंसा थाना क्षेत्र के लोहाटी पार गांव की रहने वाली हैं, और उनके बेटे भूप नारायण यादव ने ही अपनी मां को जानबूझकर गायब किया था.
आरोप है कि भूप नारायण यादव ने अपने बचाव के लिए यह पूरी साजिश रची. दरअसल, 17 अक्टूबर 2024 को अनीता नामक एक महिला के अपहरण का मामला सामने आया था, जिसका आज तक कोई सुराग नहीं मिला. उसी मामले में भूप नारायण का नाम आया था. रामबदन का दावा है कि उमेश तिवारी नाम के व्यक्ति ने भूप को सलाह दी कि अगर वह अपनी मां को गायब कर दे और रामबदन को फंसा दे, तो अनीता वाले केस से बच जाएगा.
13 दिन बाद सच्चाई आई सामने
पुलिस ने जब गहराई से जांच की, तो भानमती महिला फतेहपुर जिले के खागा कस्बे में अपनी बेटी के घर से बरामद हो गईं. पूछताछ में खुद भानमती ने कबूल किया कि उसे गायब करने की योजना उसके बेटे भूप नारायण यादव ने बनाई थी, ताकि किसी को फंसाया जा सके.
इस खुलासे के बाद पुलिस ने रामबदन भार्गव और उनके परिवार के खिलाफ दर्ज किए गए अपहरण के मुकदमे को निरस्त कर दिया. इसके बाद रामबदन और उनके परिवार ने राहत की सांस ली.
ये मेरी छवि को मिटाने की कोशिश थी: रामबदन भार्गव
पूर्व प्रधानाचार्य ने साफ तौर पर कहा कि यह एक सोची-समझी साजिश थी, जिससे उनकी सामाजिक छवि को नुकसान पहुंचाया जाए. उनका कहना है कि वह अब इस पूरे प्रकरण में मानहानि का केस भी दर्ज कराने की तैयारी में हैं.
यह मामला न सिर्फ एक बुजुर्ग शिक्षक की प्रतिष्ठा से जुड़ा है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे व्यक्तिगत दुश्मनी और कानूनी जानकारी के दुरुपयोग से बेगुनाहों को फंसाया जा सकता है.