कैंसर के इलाज के साइड इफेक्ट्स| Cancer Treatment side effects| कीमोथैरेपी के साइड इफेक्ट्स | कैंसर की दवाओं से हो सकता है हार्ट-लिवर को खतरा, वैज्ञानिकों ने खोजा ट्रीटमेंट के साइड इफेक्ट की वजह

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कैंसर के इलाज के साइड इफेक्ट्स| Cancer Treatment side effects| कीमोथैरेपी के साइड इफेक्ट्स | कैंसर की दवाओं से हो सकता है हार्ट-लिवर को खतरा, वैज्ञानिकों ने खोजा ट्रीटमेंट के साइड इफेक्ट की वजह



कैंसर जानलेवा बीमारी जरूर है, लेकिन अब यह लाइलाज बीमारी नहीं रह गयी है. ज्यादातर कैंसर के लिए इलाज उपलब्ध है. हालांकि इस बीमारी में अभी भी सर्वाइवल रेट इस बात पर निर्भर करता है कि इलाज किस स्टेज पर शुरू हुआ है. साथ ही ट्रीटमेंट को बॉडी कैसा रिस्पॉन्स दे रही है. क्योंकि कुछ लोगों में कैंसर की दवाओं के साइड इफेक्ट बहुत गंभीर हो सकते हैं.
हालांकि कैंसर के इलाज के दौरान बालों का गिरना, कमजोरी, थकान, खून की कमी, छाले, निगलने में समस्या जैसे साइड इफेक्ट्स नॉर्मल माने जाते हैं. लेकिन फिर भी यह चिंता का विषय है, क्योंकि इससे मरीज की लाइफ की क्वालिटी पर असर पड़ता है. ऐसे में हाल ही में इसकी वजह को समझने के लिए ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च की जो ऐसी दवाओं को बनाने में भी मददगार साबित हो सकता है जिसके कोई साइड इफेक्ट्स न हो. 
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क्या है रिसर्च 
मेलबर्न के वाल्टर एंड एलाइजा हॉल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च (डब्ल्यूईएचआई) की एक टीम ने बताया कि एमसीएल-1 नाम का एक प्रोटीन कैंसर को बढ़ने से रोकने में अहम रोल निभाता है. यह हमारे शरीर की नॉर्मल कोशिकाओं को भी एनर्जी देता है. लेकिन कैंसर के इलाज में जो दवाएं दी जाती है वो इसे रोकती हैं और हार्ट-लिवर जैसे अंगों को नुकसान पहुंचाती हैं. इसी कारण इलाज के दौरान कुछ लोगों में गंभीर साइड इफेक्ट्स देखने को मिलते हैं.
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नयी दवा बनाने में मिलेगी मदद
नई रिसर्च से यह साफ है कि जो साइड इफेक्ट्स होते हैं, वो एमसीएल-1 प्रोटीन की ऊर्जा बनाने की भूमिका से जुड़े हैं. इस जानकारी से वैज्ञानिक अब ऐसी दवाएं बनाने की कोशिश कर सकते हैं जो कैंसर पर असरदार हों, लेकिन शरीर के स्वस्थ अंगों को नुकसान न पहुंचाएं.
एक्सपर्ट की राय 
रिसर्च की राइटर डॉ. केर्स्टिन ब्रिंकमैन का कहना है कि रिसर्च से यह समझने में मदद मिली है कि कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने और शरीर में ऊर्जा बनने की प्रक्रिया आपस में कई लेवल पर जुड़ी हुई हैं. ऐसे में इस स्टडी की मदद से अब वैज्ञानिक एमसीएल-1 रोकने वाली दवाओं को अन्य दवाओं के साथ बेहतर तरीके से मिलाकर, और सही मात्रा में देकर, शरीर पर होने वाले नुकसान को कम कर सकेंगे. वहीं,  डब्ल्यूईएचआई के लैब वैज्ञानिक एंड्रियास स्ट्रासर ने कहा कि अगर दवाएं सीधे कैंसर वाली जगह पहुंचे और हेल्दी अंगों को ना छुएं, तो कैंसर का इलाज ज्यादा सुरक्षित और बेहतर हो सकेगा.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.



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