UPPSC रहे टॉपर, फिजिक्स में गोल्ड मेडलिस्ट, अब आखिर क्यों सस्पेंड हो गए ADM

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Last Updated:July 09, 2025, 13:13 ISTADM Story: एडीएम की नौकरी (Sarkari Naukri) जिम्मेदारियों से भरी होती है. इस पद को पाने के लिए UPPSC PCS की परीक्षा को पास करना होता है. इसके बाद अपने कामों को लेकर चर्चा में रहते हैं. अभी हाल ही एक ADM यूपी में…और पढ़ेंADM Story: यूपीपीएससी टॉप करके बने ADM और अब हो गए सस्पेंडADM Story: यूपी में एडीएम की नौकरी (Sarkari Naukri) पाने के लिए सबसे पहले उन्हें यूपीपीएससी पीसीएस की परीक्षा को पास करनी होती है. इसके बाद उनकी पहली पोस्टिंग डिप्टी कलेक्टर के तौर पर होती है. बाद में उनके अनुभव के आधार पर एडीएम का पद मिलता है और अलग-अलग जगहों पर ट्रांसफर भी किया जाता है. अभी हाल ही में एक ADM को बिजनौर से देवरिया ट्रांसफर किया गया था. लेकिन वह वहां ज्वाइन नहीं किया. इसके चलते उस एडीएम को सस्पेंड कर दिया गया है. हम जिनकी बात कर रहे हैं, उनका नाम अरविंद कुमार सिंह (PCS Officer Arvind Kumar Singh) है.

ADM को किया सस्पेंड

उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रशासनिक अनुशासन को लेकर अपनी सख्ती दिखाते हुए 2012 बैच के PCS ऑफिसर अरविंद कुमार सिंह को निलंबित कर दिया है. सिंह को बिजनौर से स्थानांतरित कर देवरिया में नियुक्त किया गया था, लेकिन उन्होंने वहां कार्यभार नहीं संभाला. वह पिछले तीन वर्षों से बिजनौर में अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) के पद पर तैनात थे. 30 मई को उनका स्थानांतरण देवरिया जिले में उसी पद पर कर दिया गया. बिजनौर के जिलाधिकारी ने 3 जून को उन्हें कार्यमुक्त कर दिया, लेकिन इसके बावजूद वे देवरिया में कार्यभार ग्रहण करने नहीं पहुंचे.

BE की डिग्री, फिर बनें ADM

2012 बैच के PCS ऑफिसर अरविंद कुमार सिंह ने मूलरूप से उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके हैं. इंस्टाग्राम प्रोफाइल के अनुसार वह यूपीपीएससी 2010 की परीक्षा में टॉपर रहे हैं. इसके साथ ही वह UPTU फिजिक्स में गोल्ड मेडलिस्ट भी रहे हैं. परीक्षा को पास करने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग बतौर डिप्टी कलेक्टर कन्नौज में हुई है. इसके बाद वह मेरठ, शामली और अलीगढ़ के डिप्टी कलेक्टर रहे. बाद में वह शाहजहांपुर में सिटी मजिस्ट्रेट और शामली, चित्रकूट, बिजनौर के भी ADM रहे हैं.

स्थानांतरण बदलवाने की कोशिश, फिर बंद किया फोन

सूत्रों के मुताबिक अरविंद कुमार सिंह ने देवरिया के बजाय बिजनौर के आसपास किसी जिले में स्थानांतरण की मांग की और उसके बाद अपना मोबाइल फोन बंद कर दिया, जिससे वे संपर्क में नहीं रहे. यह आचरण राज्य सेवा नियमों का गंभीर उल्लंघन माना गया. इस अनुशासनहीनता को गंभीरता से लेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ मंडल के आयुक्त को इस पूरे मामले की विस्तृत जांच का निर्देश दिया है. प्रमुख सचिव एम. देवराज द्वारा जारी आदेश में निलंबन की पुष्टि की गई है.

सरकार की स्पष्ट नीति: पैरवी नहीं, अनुशासन पहले

उत्तर प्रदेश सरकार ने यह कार्रवाई एक सख्त संदेश देने के लिए की है कि स्थानांतरण नीति का सभी अधिकारियों को सख्ती से पालन करना होगा. तीन साल का कार्यकाल पूरा होने पर स्थानांतरण स्वाभाविक होता है और इसमें कोई भी टालमटोल सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी.

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Munna Kumarपत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin…और पढ़ेंपत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin… और पढ़ेंhomecareerUPPSC रहे टॉपर, फिजिक्स में गोल्ड मेडलिस्ट, अब आखिर क्यों सस्पेंड हो गए ADM

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