Gautam Gambhir India vs England: भारत ने लीड्स टेस्ट में हार के बाद जोरदार वापसी की और बर्मिंघम में इंग्लैंड को हरा दिया. इस जीत से उसने सीरीज को 1-1 की बराबरी पर ला दिया है. लीड्स में हार के बाद और एजबेस्टन में जीत से पहले कोच गौतम गंभीर की काफी आलोचना हुई. दूसरे टेस्ट में कुलदीप यादव को नहीं चुनने और साई सुदर्शन को बाहर बिठाने को लेकर वह आलोचकों के निशाने पर रहे. इस मैच के बाद अब टीम इंडिया की तारीफ हो रही है.
गंभीर के सपोर्ट में उतरा उनका साथी
कोलकाता नाइटराइडर्स के पूर्व ओपनर और गौतम गंभीर के साथ खेलने वाले मनविंदर बिस्ला ने एजबेस्टन में टीम इंडिया की जीत के बाद आलोचकों को निशाने पर लिया है. उन्होंने उन आलोचकों पर निशाना साधा है, जिन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में भारत की हार के बाद मुख्य कोच गौतम गंभीर पर जमकर हमला बोला था. शुभमन गिल की भारत के नए टेस्ट कप्तान के रूप में पहली जीत थी. उन्होंने पहली पारी में 269 और दूसरी पारी में 161 रन बनाए. उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया.
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बिस्ला ने क्या लिखा?
भारत की जीत के बाद बिस्ला ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर उन सोशल मीडिया यूजर्स की आलोचना की, जिन्होंने पहले टेस्ट में हार के लिए गंभीर को जिम्मेदार ठहराया था, लेकिन दूसरे मैच में जीत का श्रेय उन्हें नहीं दिया. बिस्ला ने लिखा, ”टेस्ट से पहले: गौतम गंभीर ने इलेवन खराब कर दी. जीत के बाद: शुभमन गिल का युग शुरू. कथाएं स्कोरकार्ड से भी तेजी से बदलती हैं. दोनों लीडर हैं – इस शानदार जीत का श्रेय पूरी टीम को जाता है.”
Before the Test: @GautamGambhir messed up the XI.After the win: @ShubmanGill era begins.Narratives change faster than the scorecard.PS: Both are leaders — credit goes to whole team for this famous win. #INDvsENGTest #famouswin #TeamIndia
— Manvinder Bisla (@Bisla36) July 7, 2025
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बिस्ला ने केकेआर को दिलाई थी जीत
बिस्ला ने 2011-2014 के बीच केकेआर के लिए खेला, जहां उन्होंने गंभीर की कप्तानी में प्रदर्शन किया. उनकी सबसे यादगार पारी 2012 के आईपीएल फाइनल में चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के खिलाफ 48 गेंदों में 89 रन की थी, जहां केकेआर ने अपना पहला खिताब जीता था. दूसरे टेस्ट की बात करें तो भारतीय क्रिकेट टीम ने आखिरकार एजबेस्टन के किले को भेदने में कामयाबी हासिल की, इंग्लैंड को 336 रनों से हराकर अपने टेस्ट इतिहास में पहली बार इस मैदान पर जीत दर्ज की. इससे पहले आठ प्रयासों में भारत इस मैदान पर इंग्लैंड को कभी हरा नहीं पाया था, जिसमें 7 हार और एक ड्रॉ शामिल था.