India vs England Test Series: भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ बर्मिंघम में खेले गए दूसरे टेस्ट को 336 रनों के भारी अंतर से जीता था. उस मैच के बाद अब दोनों टीमों की नजरें लॉर्ड्स में होने वाले तीसरे मुकाबले पर है. उससे पहले मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने एक बड़े विवाद पर विराम लगा दिया. एजबेस्टन टेस्ट में दिग्गज बल्लेबाज जो रूट को आउट करने वाली आकाश दीप की गेंद पर चल रहा विवाद आखिरकार सुलझ गया है. एमसीसी ने कह दिया है कि आकाश की गेंद पूरी तरह सही थी.
क्या है विवाद?
आकाश दीप ने एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के दूसरे टेस्ट में इंग्लैंड के कप्तान जो रूट को जिस गेंद पर आउट किया था, उस पर बहस छिड़ गई थी. रीप्ले में भारतीय गेंदबाज का पिछला पैर रिटर्न क्रीज के बाहर उतरता हुआ दिखाई दे रहा था. यह आमतौर पर एक नो-बॉल होती है. कई कमेंटेटर और प्रशंसक जोर दे रहे थे कि यह अवैध था. जो रूट के आउट होकर मैदान से बाहर जाने और खेल फिर से शुरू होने के तुरंत बाद कमेंटेटर एलिसन मिशेल ने एक महत्वपूर्ण चूक को उजागर किया और कहा कि गेंद वास्तव में एक बैक-फुट नो-बॉल थी.
रवि शास्त्री ने दिया था आकाश दीप का साथ
शनिवार को बीबीसी टेस्ट मैच स्पेशल पर बोलते हुए एलिसन मिशेल ने कहा, ”आकाश दीप का पिछला पैर रिटर्न क्रीज के बाहर उतरता हुआ दिख रहा है. यह लगभग दो इंच, शायद थोड़ा और लाइन से बाहर लग रहा था. पैर आराम से बाहर था. इसे लाइन के भीतर उतरना चाहिए था. स्पष्ट रूप से ऐसा नहीं हुआ है.” जियोस्टार पर कमेंट्री करते हुए पूर्व इंग्लैंड बल्लेबाज जोनाथन ट्रॉट ने भी इसी विचार को दोहराया. हालांकि, भारत के तत्कालीन मुख्य कोच रवि शास्त्री आश्वस्त थे कि गेंद वैध थी. ऑन-फील्ड अंपायर क्रिस गैफनी और शर्फुदौला सैकत ने फैसले को बरकरार रखा और तीसरे अंपायर पॉल रीफेल ने हस्तक्षेप नहीं किया.
ये भी पढ़ें: लॉर्ड्स में विराट की ‘सेना’ ने लहराया था तिरंगा, अब शुभमन के रणबांकुरों की बारी…यहां ऐसा है भारत का रिकॉर्ड
एमसीसी का फैसला
अब एमसीसी ने मामले को स्पष्ट कर दिया है. एक एमसीसी प्रवक्ता ने कहा, ”पिछले हफ्ते इंग्लैंड के खिलाफ भारत के टेस्ट के चौथे दिन आकाश दीप की गेंद को लेकर सवाल उठाए गए थे, जिसने जो रूट को बोल्ड किया था. इसमें कुछ प्रशंसकों और कमेंटेटरों का मानना था कि यह एक नो-बॉल थी. आकाश दीप के पिछले पैर का कुछ हिस्सा रिटर्न क्रीज के बाहर छूता हुआ दिखाई दे रहा था और तीसरे अंपायर ने नो-बॉल नहीं दी.एमसीसी यह स्पष्ट करके खुश है कि कानून में यह एक सही फैसला था.”
ये भी पढ़ें: राहुल या ऋषभ पंत नहीं…अब ये धांसू बल्लेबाज है इंग्लैंड का नंबर-1 टारगेट, खौफ में अंग्रेज
क्या है एमसीसी का नियम?
एमसीसी ने संबंधित नियम 21.5.1 का हवाला दिया है. नियम के मुताबिक, ”पैरों के संबंध में एक वैध डिलीवरी के लिए, डिलीवरी स्ट्राइड में गेंदबाज का पिछला पैर उसके बताए गए डिलीवरी मोड से संबंधित रिटर्न क्रीज के भीतर और उसे छूते हुए नहीं उतरना चाहिए.” उन्होंने गेंदबाज के पैर के संबंध में मुख्य विवरण को आगे समझाया: ”एमसीसी ने हमेशा पिछले पैर के उतरने के क्षण को जमीन के साथ पहले संपर्क बिंदु के रूप में परिभाषित किया है. जैसे ही पैर का कोई भी हिस्सा जमीन को छूता है, वह पैर उतर चुका होता है और उस समय पैर की स्थिति को बैक फुट नो-बॉल के लिए माना जाता है. स्पष्ट रूप से, जिस जगह पर आकाश दीप के पैर ने पहली बार जमीन को छुआ, पिछला पैर रिटर्न क्रीज के भीतर था और उसे छू नहीं रहा था. उसके पैर का कुछ हिस्सा बाद में क्रीज के बाहर जमीन को छू सकता था. यह इस कानून के लिए प्रासंगिक नहीं है. उतरने के बिंदु पर वह क्रीज के भीतर था और इसलिए इसे सही ढंग से एक वैध डिलीवरी माना गया.”
Atleast 15 Ahmedabad schools receive bomb threat; turns out to be hoax after search
AHMEDABAD: A wave of e-mail bomb threats to schools triggered panic in Gujarat on Wednesday.Atleast 15 prominent schools…

