Last Updated:July 08, 2025, 06:23 ISTUP Illegal Religious Conversion Case: यूपी अवैध धर्मपरिवर्तन केस में गिरफ्तार छांगुर बाबा के राइट हैंड के रूप में काम करने वाला मोहम्मद अहमद खान भी फरार हो चुका है. लखनऊ की एक अदालत ने मोहम्मद अहमद खान के खिला…और पढ़ेंUP Illegal Religious Conversion: छांगुर बाबा का दाहिना हाथ मोहम्मद अहमद खान फरार हाइलाइट्सगिरफ्तारी के बाद छांगुर बाबा गैंग के सदस्य अंडरग्राउंड होने लगे हैंछांगुर बाबा का राइट हैंड कहे जाने वाला मोहम्मद अहमद खान भी फरारलखनऊ कोर्ट ने मोहम्मद अहमद खान के खिलाफ जारी किया वारंटबलरामपुर. अवैध धर्मांतरण, विदेशी फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला जैसे मामलों में गिरफ्तार हो चुके बलरामपुर के जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के गैंग के लोग भी अब भूमिगत होने लगे हैं. छांगुर बाबा के राइट हैंड के रूप में काम करने वाला मोहम्मद अहमद खान भी फरार हो चुका है. लखनऊ की एक न्यायालय ने मोहम्मद अहमद खान के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है.
बता दें कि मोहम्मद अहमद खान उतरौला कोतवाली क्षेत्र के नया नगर गांव का रहने वाला है और इसके खिलाफ उत्तर प्रदेश के कई जिलों में आपराधिक मामले भी दर्ज हैं. मोहम्मद अहमद खान छांगुर बाबा की सभी प्रॉपर्टी का लेखा-जोखा रखता था और कई प्रॉपर्टी में वह हिस्सेदार भी है. मोहम्मद अहमद खान छांगुर बाबा की पुणे की प्रॉपर्टी का एक बड़ा हिस्सेदार है. मोहम्मद अहमद खान छांगुर बाबा के लिए लाइजिनिंग का भी काम करता था और वह ज्यादातर समय पुणे में बिताता था. पुणे में बनाई गई छांगुर बाबा की प्रॉपर्टी में भी उसकी हिस्सेदारी है.
पुणे की प्रॉपर्टी की संभालता था कमान
सूत्रों की माने तो पुणे में एक बड़ी प्रॉपर्टी तैयार की गई है, जहां से देश विरोधी गतिविधियां संचालित की जाती हैं और उसकी कमान मोहम्मद अहमद खान के पास ही थी. मोहम्मद अहमद खान इस समय फरार है। न्यूज़ 18 की टीम ने नया नगर गांव पहुंचकर मोहम्मद अहमद खान के घर का जायजा लिया जहां पूरी तरह सन्नाटा पसरा हुआ था.
हिंदू लड़कियों को मुसलमान बनाने का चल रहा था रैकेट
गौरतलब है कि छांगुर बाबा हिंदू लड़कियों को मुस्लिम बनाने का रैकेट चला रहा था. इसके लिए बकायदे विदेश से फंडिंग की जा रही थी. मुस्लिम युवाओं को हिंदू लड़कियोब को अपने प्रेम जाल में फंसाने और फिर मुसलमान बनाने के इस धंधे में रेट लिस्ट भी फिक्स थी. यानी ब्राह्मण और ठकुरी लड़की के लिए 15-16 लाख, ओबीसी 10 से 12 लाख और अन्य जातियों के लिए 8 से 10 लाख रुपए मिलते थे. अब तक के जांच में ATS को 100 करोड़ से अधिक की विदेश फंडिंग के सुराग मिले हैं. जिसके बाद अब इस मामले में ईडी की एंट्री भी हो गई है.Amit Tiwariवरिष्ठ संवाददाताPrincipal Correspondent, LucknowPrincipal Correspondent, Lucknow Location :Balrampur,Uttar Pradeshhomeuttar-pradeshकौन है छांगुर बाबा का राइट हैंड अहमद… जो अब फरार, खुद भी है बड़ा क्रिमिनल