20 दिन से सूखी टोटियां, बदबूदार टैंकर से हो रहा गुजारा! अजनारा होम्स के 7000 लोग पानी के लिए त्राहि-त्राहि

admin

बर्फ ने रच डाली अंतरिक्ष में नई कहानी, वैज्ञानिक बोले- ये तो संभव ही नहीं था!

नोएडा- ग्रेटर नोएडा वेस्ट की पॉश और हाई-राइज अजनारा होम्स सोसाइटी इन दिनों भारी जल संकट का सामना कर रही है. करीब 2300 फ्लैट्स में रहने वाले 7000 से अधिक निवासी पिछले 20 दिनों से पाइपलाइन के जरिए मिलने वाले पानी की आपूर्ति बंद होने से बेहद परेशान हैं. हालत ये है कि नहाना, खाना पकाना, बर्तन धोना, यहां तक कि बच्चों को तैयार करना भी अब एक जंग जैसा बन गया है.

टैंकर ही सहारा, मगर पानी की गुणवत्ता पर सवालसोसाइटी की निवासी शिप्रा पांडेय, अंजली और अनीता बताती हैं कि पाइपलाइन बंद होने के बाद टैंकरों से पानी की आपूर्ति की जा रही है, लेकिन न तो इस पानी की गुणवत्ता का कोई परीक्षण हो रहा है और न ही इसका कोई रिकॉर्ड है कि ये पानी कहां से लाया जा रहा है. महिलाओं ने बताया कि टैंकर का पानी इतना बदबूदार है कि काम करते समय उल्टी आने जैसी हालत हो जाती है. न तो TDS चेक किया जा रहा है और न ही कोई जांच प्रक्रिया अपनाई जा रही है.

बीते दिनों दूषित पानी से बीमार पड़े थे दर्जनों लोग
लगभग दो महीने पहले टैंक की सफाई न होने और गंदे पानी की वजह से दर्जनों लोग बीमार पड़ गए थे. इसके बावजूद न तो टैंकर साफ किए गए, न ही सप्लाई में गुणवत्ता सुनिश्चित की गई. निवासियों का आरोप है कि मेंटेनेंस टीम शिकायतों पर ध्यान देने की बजाय उल्टे पुलिस बुलाने की धमकी देती है.

2.25 करोड़ की बकाया राशि बनी संकट की जड़बताया जा रहा है कि अजनारा होम्स की मेंटेनेंस टीम पर प्राधिकरण का लगभग 2.25 करोड़ रुपये बकाया है. इसी वजह से प्राधिकरण ने सोसाइटी की पाइपलाइन से पानी की आपूर्ति रोक दी है. जब निवासी मेंटेनेंस टीम से बातचीत की कोशिश करते हैं, तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलता. जवाब मांगने पर टालमटोल किया जाता है या धमकी मिलती है.

पहले से ही जूझ रहे थे मूलभूत सुविधाओं की कमी से
पानी की समस्या के अलावा अजनारा होम्स के निवासी पहले से ही कई परेशानियों का सामना कर रहे हैं. लिफ्टों की खराबी, सफाई की कमी, आवारा कुत्तों का आतंक, गार्डनिंग की लापरवाही और सोसाइटी में गंदगी जैसी समस्याएं आम हो गई थी. ऐसे में अब पानी की किल्लत ने जीवन को और भी मुश्किल बना दिया है.

महिलाएं कहती हैं कि घर चलाना अब मुश्किल हो गया है. कामकाजी महिलाएं ऑफिस जाएं या घर का काम संभालें, हर मोर्चे पर समस्या है. बच्चों को समय पर स्कूल भेजना, खुद तैयार होना, खाना पकाना हर छोटी-बड़ी जरूरत अब संघर्ष बन चुकी है.

सोसाइटी के निवासी सरकार और प्राधिकरण से मांग कर रहे हैं कि जल्द से जल्द इस जल संकट का स्थायी समाधान निकाला जाए. अगर मेंटेनेंस एजेंसी जिम्मेदारियों को निभाने में असमर्थ है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए.

Source link