Health

what is the cause of heart attack during gym workout know from doctor | जिम में वर्कआउट के दौरान क्यों आ रहा है हार्ट अटैक, कार्डियोलॉजिस्ट से जानें इसका कारण!



पूजा मेहरोत्रा (रिपोर्टर)
सोशल मीडिया पर ये ट्रेंड जितना ग्लैमरस दिखता है, असल जिंदगी में उतना ही खतरनाक साबित हो रहा है. बीते कुछ महीनों में देशभर से ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां 18–45 साल के युवा जिम में एक्सरसाइज करते हुए अचानक कार्डियक अरेस्ट के शिकार हो गए.  कर्नाटक के हासन से चौंकाने वाली खबर आई की महज 40 दिन में 21 से अधिक युवा कार्डियक अरेस्ट का शिकार हुए.  लगातार इस तरह की डेथ को लेकर डॉक्टरों का मानना है कि यह “बदकिस्मती” नहीं, बल्कि एक खतरनाक लाइफस्टाइल की देन है. हमने युवाओं को लगातार हो रहे कार्डियक अरेस्ट पर सर्वोदय हॉस्पिटल की कार्डियोलॉजिस्ट ग्यान्ती आरबी सिंह से बात की है. 
 एक्सरसाइज बन रही है जानलेवाकार्डियोलॉजिस्ट डॉ. ग्यान्ती बताती हैं, “हमें कोशिश करनी चाहिए कि  एक्सरसाइज हमेशा सुबह सुबह ही करें. और ग्रेजुअली यानी धीरे धीरे शुरुआत करनी चाहिए.वह आगे कहती हैं कि अगर आपके परिवार में हार्ट अटैक की हिस्ट्री है तो कोशिश करनी चाहिए  कि किसी भी एक्सरसाइज को शुरु करने से पहले अपनी जांच जरूर करा लें. डॉक्टर के अनुसार अगर आपकी रिपोर्ट ठीक आती है तभी आपको एक्सरसाइज करनी है. वहीं वो यह भी सलाह देती हैं कि हैवी वेट लिफ्टिंग वाली एक्सरसाइज से बचना चाहिए. इससे आपके ब्लड वैसेल्स में टियर यानी फट जाती है जिससे क्लोटिंग की  समस्या हो जाती है जिससे अटैक और अरेस्ट का खतरा रहता है.
इन लोगों को जरूर कराना चाहिए रूटीन चेकअप जहां तक युवाओं की कार्डियक अरेस्ट से हो रही मौतों की बात करें तो वह कहती हैं कि यदि किसी के भी परिवार में सडन कार्डियक अरेस्ट या फिर हार्ट अटैक की हिस्ट्री रही है तो ऐसे लोगों को रूटीन चेकअप अर्ली एज में ही कराना चाहिए. जिम जाने वाले यंग लोगों में इस वजह से होता है हार्ट अटैक डॉक्टर  बताती हैं कि हर शरीर की लिमिट होती है. लेकिन युवा बिना फिजिकल जांच  ECG या ब्लड प्रेशर चेक कराए ही हाई इंटेंसिटी वर्कआउट शुरू कर देते हैं. इससे दिल पर अचानक बहुत लोड आता है, जो अरेस्ट की वजह बन सकता है.
 नींद और तनाव की अनदेखीडॉक्टर ने बताया कि इनदिनों युवाओं का हेल्थ रूटीन बिलकुल ठीक नहीं है. अधिकतर लोग लगातार मोबाइल पर रहते हैं.  रात भर स्क्रीन पर वक्त बिताना, फिर सुबह जिम जाना—ये शेड्यूल दिखने में डिसिप्लिन लगता है लेकिन शरीर के लिए जहर साबित हो रहा है. यही नहीं वर्किंग कल्चर भी काफी बदल गया है. लोग लगातार स्क्रीन के सामने बैठे रहते हैं. उनकी वॉक कम हो गई है.. ‘नींद पूरी न हो तो शरीर अंदर से थका होता है. इस स्थिति में वर्कआउट करने से मांसपेशियों से लेकर हार्ट तक सब पर प्रेशर बढ़ता है.’
ये तीन टेस्ट हैं जरूरीहेल्दी हार्ट के लिए साल में एक बार ECG और कार्डिएक स्क्रीनिंग ज़रूर करना चाहिए. किसी भी वर्कआउट रूटीन से पहले मेडिकल फिटनेस टेस्ट करवाएं. वर्कआउट करते समय थकान, चक्कर और सीने में दर्द को नजरअंदाज ना करें. इन लक्षणों को देखते हीं डॉक्टर के पास जाएं. 

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है.  Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत या स्किन से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



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