फर्रुखाबाद: उत्तर प्रदेश का फर्रुखाबाद जिला सिर्फ आलू की खेती के लिए ही नहीं, अब आम की बागवानी के लिए भी जाना जाने लगा है. खासकर गर्मियों के इस मौसम में यहां का दशहरी आम न सिर्फ स्थानीय बाजारों में बल्कि दूसरे जिलों और राज्यों में भी जबरदस्त डिमांड में है. किसान कह रहे हैं कि इस बार भले ही फसल थोड़ी कम आई हो, लेकिन जो आम है, वो क्वालिटी में लाजवाब है. यही वजह है कि बाजार में ऊंचे दाम मिल रहे हैं. आम बाग से लेकर मंडी तक महक बिखेर रहा है.
परंपरागत खेती से कम समय में ज्यादा मुनाफाबागवानी करने वाले किसानों का कहना है कि आम की खेती परंपरागत काम रहा है, जो अब नई उम्मीदें जगा रहा है. आम को फलों का राजा यूं ही नहीं कहा जाता, इसका स्वाद और बाजार में डिमांड दोनों ही इसे खास बनाते हैं. फर्रुखाबाद के गांवों में कई किसान दशकों से बागवानी कर रहे हैं. अब वो अपने खेतों के साथ-साथ आसपास के खेतों के पेड़ों को भी फसल के लिए देख रहे हैं.
व्यापारी बागों ने खरीद रहे हैं दशहरी आम
किसानों का कहना है कि फसल कम आई है, लेकिन जो आम आया है, उसकी क्वालिटी बहुत अच्छी है. इसी कारण व्यापारी बागों से ही दशहरी आम खरीद रहे हैं. अभी शुरुआती दौर में ही आम की कीमत 30 रुपये किलो तक पहुंच गई है. कई जिलों से मांग आ रही है और किसान प्लास्टिक की क्रेट में आम भरकर पिकअप से उन्हें बाहर के शहरों में भेज रहे हैं.
प्रयागराज से लेकर राजस्थान तक जा रहा फर्रुखाबादी आमइस बार फर्रुखाबाद का दशहरी और बंबइया आम प्रयागराज, सुल्तानपुर, कोटा और जयपुर जैसे शहरों तक भेजा गया है. किसान बताते हैं कि आम तोड़ने के बाद उसे पकने में करीब पांच दिन लगते हैं. इस दौरान उसे प्लास्टिक की 25 किलो की क्रेट में भरकर गाड़ियों से भेजा जाता है ताकि रास्ते में पककर वो समय पर बाजार में पहुंच जाए.
अनिल कुमार की बागवानी ने दी नई पहचान
लोकल18 से बात करते हुए किसान अनिल कुमार ने बताया कि उनके दादा से शुरू हुआ यह पुश्तैनी काम अब भी जारी है. वो खुद अपने पिता के साथ बागवानी कर रहे हैं. इस बार उनके बाग में सबसे ज्यादा दशहरी आम का उत्पादन हुआ है. उनकी मानें तो वे इस आम की फसल से 80 हजार से एक लाख रुपये तक की कमाई कर रहे हैं. आसपास के खेतों के पेड़ भी वो किराए पर लेकर आम तैयार कराते हैं.
कम मेहनत, बढ़िया आमदनीबागवानी की खास बात ये है कि इसमें कम समय और मेहनत में अच्छा मुनाफा हो जाता है. खासकर तब जब बाजार में आम की डिमांड और रेट दोनों बढ़िया हों. किसान अब परंपरागत खेती के साथ-साथ बागवानी को भी प्राथमिकता देने लगे हैं.
इस मौसम में जब तापमान लगातार चढ़ रहा है, तब फर्रुखाबाद का दशहरी आम न सिर्फ लोगों को राहत दे रहा है, बल्कि किसानों को मुस्कान भी दे रहा है. किसानों की मेहनत और आम की मिठास का यह संगम अब पूरे देश में फैल रहा है.