भारतीय क्रिकेट के सफल कप्तानों में शुमार महेंद्र सिंह धोनी का आज (7 जुलाई) 44वां जन्मदिन है. महेंद्र सिंह धोनी अपने स्मार्ट और चौंकाने वाले फैसलों के लिए मशहूर हैं. चाहे वो वनडे और टी20 की कप्तानी छोड़ने का फैसला हो, टेस्ट से संन्यास का फैसला हो और या फिर चुपचाप अपने कॉलेज की दोस्त साक्षी रावत से शादी करने का फैसला हो. आज हम बात करेंगे महेंद्र सिंह धोनी के उन 5 बड़े फैसलों की जिसने मैदान के अंदर और बाहर तहलका मचा दिया था.
1. 2007 टी20 वर्ल्ड कप में सहवाग-उथप्पा को बॉल आउट में उतारा
2007 के टी20 वर्ल्ड कप में ग्रुप स्टेज के मैच चल रहे थे. भारत और पाकिस्तान के बीच पहला मुकाबला बेहद रोमांचक रहा और मैच टाई हो गया. अब मैच का फैसला बॉल आउट से होना था. बॉल आउट में हर टीम के 3 खिलाड़ियों को स्टंप को हिट करना था. हालांकि इस दौरान गेंद और विकेट के बीच कोई बल्लेबाज नहीं रहता था. ज्यादा बार विकेट हिट करने वाली टीम को विजेता घोषित किया जाता था. पाकिस्तान ने जहां अपने सबसे 3 बेहतरीन गेंदबाजों को विकेट पर हिट मारने की जिम्मेदारी सौंपी तो वहीं कप्तान धोनी ने हटकर फैसला लिया. धोनी ने नियमित गेंदबाजों की बजाय सहवाग, रॉबिन उथप्पा और हरभजन सिंह जैसे खिलाड़ियों से गेंद करवाई. कप्तान धोनी की ये चाल काम कर गई. भारत के तीनों ही गेंदबाजों ने विकेट उखाड़ दिए, लेकिन पाकिस्तान का कोई भी गेंदबाज विकेट को छू तक नहीं सका. धोनी का मानना था कि ऐसे हालात में तेज गेंदबाजी की अपेक्षा धीमी गति के गेंदबाज ज्यादा कारगर साबित होते हैं.
2. 2007 टी20 वर्ल्ड कप फाइनल का आखिरी ओवर जोगिंदर शर्मा को दिया
2007 टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल मैच में भारत का मुकाबला पाकिस्तान से था. पाकिस्तानी को आखिरी ओवर में जीत के लिए 13 रन चाहिए थे. मिस्बाह-उल हक क्रीज पर थे, ऐसे में धोनी ने सभी को चौंकाते हुए उस नाजुक मौके पर गेंद जोगिंदर शर्मा को सौंप दी. धोनी के इस फैसले से सभी हैरान रह गए. जोगिंदर शर्मा ने धोनी के फैसले को गलत साबित नहीं होने दिया और भारत टी20 वर्ल्ड कप चैम्पियन बन गया.
3. 2011 वर्ल्ड कप फाइनल में युवराज से पहले बैटिंग के लिए उतरे
2011 के वर्ल्ड कप फाइनल में भारतीय टीम मुश्किल में नजर आ रही थी सबको लगा शानदार फॉर्म में चल रहे युवराज सिंह अब क्रीज पर आएंगे. लेकिन धोनी ने इस बार भी सबको चौंका दिया और युवराज को ना भेजकर खुद बल्लेबाजी के लिए आए. धोनी के इस फैसले ने इतिहास रच दिया. 1983 के बाद भारतीय टीम ने दूसरी बार वर्ल्ड कप का खिताब जीता. कप्तान धोनी ने खुद छक्का लगाकर टीम की विजयगाथा लिखी. एक बार एक इंटरव्यू में धोनी ने कहा था, ‘मुथैया मुरलीधरन आईपीएल में मेरी टीम चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलते थे. वह साल 2008 के आईपीएल से हमारी टीम में थे, इसलिए मैंने उन्हें नेट्स पर काफी खेला हुआ था. मैं उनकी गेंदबाजी को अच्छे से जनता था. 2011 वर्ल्ड कप के फाइनल हमें पता था, कि बीच के ओवरों में वह श्रीलंका के सबसे अहम गेंदबाज हैं, इसलिए मैंने उनके खिलाफ अपनी टीम की जिम्मेदारी लेने के बारे में सोचा.’
4. साक्षी से गुपचुप शादी रचाई
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने 4 जुलाई 2010 को देहरादून में अपने कॉलेज की दोस्त साक्षी सिंह रावत से चुपचाप शादी रचा कर अपने सभी फैंस को हैरान कर दिया था. 2007 में धोनी की मुलाकात साक्षी से एक होटल में हुई थी, जहां वह इंटर्न थीं. धोनी की शादी को 15 साल हो चुके हैं. दोनों की एक बेटी भी है, जिसका नाम जीवा है. धोनी अपनी पर्सनल जिंदगी के बारे में ज्यादा खुलकर नहीं बात करते है. दोनों ने शादी भी बहुत चुपचाप तरीके से की थी. उनकी शादी में करीबी लोग ही शामिल हुए थे.
5. रोहित को बनाया ओपनर
धोनी का एक और सबसे बड़ा फैसला था रोहित शर्मा से वनडे में ओपनिंग करवाना. इसी वजह से रोहित शर्मा वनडे मैचों में 3 बार दोहरा शतक लगाने में कामयाब रहे. इसमें रोहित शर्मा का वनडे क्रिकेट इतिहास का सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर 264 रन भी शामिल है. बता दें कि साल 2013 में रोहित शर्मा को महेंद्र सिंह धोनी ने अपनी कप्तानी में ओपनर बनने का मौका दिया. रोहित शर्मा को 23 जनवरी 2013 को इंग्लैंड के खिलाफ मोहाली वनडे मैच में पहली बार ओपनिंग का जिम्मा दिया गया. इसके बाद रोहित ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और इंटरनेशनल क्रिकेट में रनों की झड़ी लगा दी. महेंद्र सिंह धोनी ने रोहित शर्मा को 2013 चैम्पियंस ट्रॉफी में पारी की शुरुआत करने को कहा था और तभी से रोहित का करियर नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया. भारतीय टीम के उप-कप्तान रोहित शर्मा के नाम वनडे में तीन दोहरे शतक हैं.
6. 2013 चैम्पियंस ट्रॉफी फाइनल में ईशांत का बेहतरीन इस्तेमाल
2013 में इंग्लैंड में चैम्पियंस ट्रॉफी के फाइनल में भारत का मुकाबला मेजबान इंग्लैंड से था. भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 129 रन बनाए जो कि इंग्लैंड जैसी बल्लेबाजी के सामने काफी कम स्कोर था. लेकिन कप्तान धोनी ने इंग्लिश टीम पर अपने स्पिनरों के साथ मिलकर जवाबी हमला बोल दिया. इंग्लिश बल्लेबाजों को भारतीय स्पिनरों को खेलने में काफी दिक्कत हो रही थी लेकिन वो तेज गेंदबाज इशांत शर्मा की जमकर धुनाई कर रहे थे. 18वें ओवर में जब मैच रोमांचक मोड़ पर था और इंग्लैंड की जीत पक्की लग रही थी उस समय धोनी ने अच्छी गेंदबाजी कर रहे स्पिनरों की बजाय महंगे साबित हो रहे ईशांत को गेंद थमा थी. ईशांत ने भारतीय टीम को मैच में वापस ला दिया. इस तरह से कप्तान धोनी ने अपने एक और चौंकाने वाले फैसले से चैम्पियंस ट्रॉफी जीतने के साथ ही लोगों का दिल भी जीत लिया.
7. टेस्ट क्रिकेट से संन्यास
महेंद्र सिंह धोनी ने साल 2014 में बीच ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर सबसे चौंकाने वाला फैसला लिया. उन्होंने मेलबर्न टेस्ट के बाद टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेना का फैसला किया. टेस्ट क्रिकेट में विदेशी दौरों पर लगातार टीम इंडिया के नाकाम होने की वजह से धोनी ने ये फैसला लिया.
8. वनडे और टी20 की कप्तानी को अलविदा
टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के बाद महेंद्र सिंह धोनी ने साल 2017 की शुरुआत में ही वनडे और टी20 कप्तानी को भी उसी अंदाज में अलविदा कहा, जिसके लिए वो जाने जाते हैं.
9. 15 अगस्त को इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास
महेंद्र सिंह धोनी ने 15 अगस्त 2020 को अचानक इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेकर हर किसी को हैरान कर दिया था. बता दें कि महेंद्र सिंह धोनी ने अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच जुलाई 2019 में न्यूजीलैंड के खिलाफ 2019 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में खेला था.
10. विराट कोहली को बड़ा खिलाड़ी बनाने में हाथ
साल 2012 के ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर खराब फॉर्म के कारण सेलेक्टर्स विराट कोहली को टीम इंडिया से ड्रॉप करना चाहते थे, लेकिन महेंद्र सिंह धोनी ने विराट कोहली पर भरोसा दिखाया और उन्हें टीम से ड्रॉप नहीं होने दिया. टीम इंडिया के पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने एक इंटरव्यू के दौरान इस बात का खुलासा किया था. साल 2012 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट में चयनकर्ताओं ने विराट कोहली की जगह रोहित शर्मा को खिलाने का फैसला किया था, लेकिन तत्कालीन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने निर्णय लिया कि वह विराट कोहली को ही खिलाएंगे. विराट कोहली को एक बड़ा क्रिकेटर बनने में मदद करने के लिए महेंद्र सिंह धोनी का बहुत बड़ा हाथ है.
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