Cannabis: गांजा को कई लोग मजे या तनाव दूर करने के नाम पर इस्तेमाल करते हैं. कुछ इसे “कुदरती नशा” कहकर इसका सपोर्ट भी करते हैं, लेकिन सच्चाई ये है कि गांजा धीरे-धीरे इंसान के दिमाग और शरीर दोनों को खोखला कर देता है. ये लत जितनी आसान लगती है, उतनी ही खतरनाक साबित होती है.
गांजे में मौजूद मेन केमिकल THC (Tetrahydrocannabinol) सीधा दिमाग पर असर करता है और इंसान की सोचने-समझने की क्षमता, फैसले लेने की ताकत और याददाश्त को अफेक्ट करता है. आइए समझते हैं कि गांजा कैसे दिमाग को नुकसान पहुंचाता है और क्यों इसे तुरंत छोड़ देना चाहिए.
1. न्यूरो ट्रांसमीटर पर असरगांजा दिमाग में मौजूद न्यूरो ट्रांसमीटर (जैसे डोपामिन) के बैलेंस को बिगाड़ता है. शुरुआत में ये खुशी का एहसास देता है, लेकिन धीरे-धीरे मस्तिष्क उसकी लत में पड़ जाता है और बिना गांजे के सुस्ती, चिड़चिड़ापन और बेचैनी महसूस होने लगती है.
2. याददाश्त कमजोर होती हैगांजा का सेवन हिप्पोकैम्पस (Memory Center) पर असर करता है, जिससे याददाश्त कमजोर होने लगती है. लोग छोटी-छोटी बातें भूलने लगते हैं और फैसला लेने की क्षमता कमजोर हो जाती है.
3. मेंटल डिजीज का खतरालगातार गांजा पीने से इंसान डिप्रेशन, एंग्जायटी और स्किजोफ्रेनिया जैसी सीरियस मेंटल डिसऑर्डर्स का शिकार हो सकता है. कई मामलों में कंफ्यूजन, डर और खुदकुशी की ट्रेंड भी देखा गया है.
4. इमोशनल इनस्टेबिलिटीगांजा इंसान के इमोशंस को डल कर देता है. शख्स को न तो खुशी महसूस होती है और न ही दुख. वो दूसरों से कटने लगता है और समाज से दूरी बना लेता है.
5. ब्रेन डेवलपमेंट पर असर (खाकर युवाओं में)अगर कोई टीनएजर या यंग एज ग्रुप का शख्स गांजा पीना शुरू करता है, तो उसके दिमाग के विकास पर गहरा असर पड़ता है. इसका असर पूरी जिंदगी रह सकता है.
गांजे को ‘न’ कहेंगांजा कोई मजाक या मामूली नशा नहीं है. ये धीरे-धीरे इंसान को मेंटली, सोशली और इमोशनली बर्बाद कर देता है. अगर आप या आपका कोई अपना इस लत में है, तो आज ही मदद लें और इसे छोड़ने की पहल करें. जिंदगी गांजे से कहीं ज्यादा कीमती है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.