Silent Heart Attack: देशभर में हर दिन हार्ट अटैक के हैरान कर देने वाले मामले सामने आ रहे हैं. बच्चे बूढ़े जवान हर कोई हार्ट अटैक के निशाने पर है. हाल ही में यूपी के बाराबंकी जिले में 7वीं क्लास में पढ़ने वाले 12 साल के छात्र की अचानक हार्ट अटैक से मौत हो गयी. इस मामले ने सबको डरा दिया है. जहां पहले हार्ट अटैक को उम्र से जोड़ा जाता था, वहीं अब कब किसे और कहां दिल का दौरा आ जाए किसी को कोई खबर नहीं है. हालांकि यह कहना गलत नहीं कि ऐसे मामले कोविड-19 की महामारी के बाद तेजी से बढ़े हैं.
इस पर मेदांता मूलचंद हार्ट सेंटर में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ तरुण कुमार ने न्यूज 18 से बातचीत में बताया है कि बच्चों में दिल की बीमारियों के बढ़ने का कारण बिगड़ती लाइफस्टाइल हो सकती है. बच्चे अब मोबाइल का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करते हैं. फिजिकल एक्टिविटी बहुत कम हो गई है. इसके साथ ही कई बार बच्चों में कार्डियक अरेस्ट का कारण जन्मजात बीमारियां भी होती हैं. अगर परिवार में किसी को कभी भी दिल की बीमारी है या इससे मौत हुई है तो इसका जोखिम और भी बढ़ जाता है.
रेगुलर टेस्ट जरूरी
डॉ. बताते हैं कि किसी को दिल का दौरा या कार्डियक अरेस्ट से बचना है तो वो कुछ बातों का जरूर ध्यान रखना होगा. जैसे शुगर लेवल की समय समय पर जांच करते रहें. वहीं अगर आपको अगर ब्लड प्रेशर की समस्या है तो बीपी की जांच रेगुलर करते रहें. बैड कोलेस्ट्रॉल की भी जांच करते रहना चाहिए. इन सब के साथ ही शरीर का वजन ज्यादा न बढ़ने दें. इसके अलावा रूटिंग ब्लड टेस्ट और ईसीजी (ECG) भी डॉक्टर की सलाह पर करवा सकते हैं.
जिम जाते हैं तो न करें ये गलती
फिट रहने वाले लोगों में हार्ट अटैक की वजह आमतौर पर जिम में ज्यादा वर्कआउट या सप्लीमेंट होता है. कोई खुद को जवान रखने के लिए एंटी एजिंग दवाई का इस्तेमाल कर रहा है तो कोई अपनी बॉडी को बनाने के लिए प्रोटीन और या फिर इंजेक्शन लगवा रहा है. इन सब के कारण ही शरीर में बहुत समस्या होती हैं. ऐसे में बिना मतलब कोई भी दवाई खाने से बचें. डॉक्टर की मानें तो जिम ज्वाइन करने से पहले फुल बॉडी चेकअप करवाएं उसके बाद ही एक्सरसाइज शुरू करें.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.