जौनपुर- कभी बेरोजगारी से जूझ रहे गोबिन्द मोदनवाल आज एक सफल बेकरी उद्यमी के रूप में दूसरों के लिए प्रेरणा बन चुके हैं. उनकी यह सफलता प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (PMFME) की वजह से संभव हो सकी है, जिसने उन्हें आत्मनिर्भर बनने की राह दिखाई.
बेरोजगारी के अंधेरे से आत्मनिर्भरता की रोशनी तकगोबिन्द बताते हैं कि वे लंबे समय से रोजगार की तलाश कर रहे थे, लेकिन उन्हें कहीं भी सफलता नहीं मिल रही थी। वे कुछ अपना शुरू करना चाहते थे, पर संसाधनों और जानकारी की कमी उनके रास्ते में बाधा बनी हुई थी. तभी एक दिन उन्होंने समाचार पत्र में PMFME योजना के बारे में पढ़ा, जो उनके जीवन में बदलाव की शुरुआत बनी.
जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी
योजना के बारे में पढ़ने के बाद उन्होंने जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय, जौनपुर से संपर्क किया. वहां उन्हें बताया गया कि बेकरी, पापड़, अचार, मसाले, नमकीन जैसे खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों में शुरुआत करने वालों को 35 प्रतिशत तक की पूंजी अनुदान (कैपिटल सब्सिडी) मिलती है. यह सुनकर गोबिन्द ने योजना का लाभ लेने का निश्चय किया.
10 लाख रुपये का निवेश, 3.5 लाख रुपये की सब्सिडीगोबिन्द ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया और लगभग 10 लाख रुपये के निवेश से अपनी बेकरी यूनिट शुरू की. इसमें उन्होंने स्वयं की पूंजी लगाई और योजना के तहत 3.5 लाख रुपये की सब्सिडी प्राप्त की. शुरुआती कठिनाइयों के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और उनकी मेहनत ने रंग लाया.
अब हर महीने 60-70 हजार की कमाई
आज गोबिन्द की बेकरी से उन्हें हर महीने ₹60,000 से ₹70,000 तक का शुद्ध लाभ होता है. सबसे खास बात यह है कि वे चार अन्य लोगों को भी रोजगार दे रहे हैं. कभी अकेले बेरोजगार रहने वाले गोबिन्द अब दूसरों की आजीविका का सहारा बन चुके हैं.
जिला अधिकारी ने की सराहनाजिला उद्यान अधिकारी डॉ. सीमा सिंह राणा खुद गोबिन्द के उद्योग स्थल पर पहुंची और व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना ने कई लोगों को आत्मनिर्भर बनने का मौका दिया है. गोबिन्द जैसे युवाओं ने साबित किया है कि अगर सरकारी योजनाओं का सही उपयोग हो, तो किस्मत भी बदली जा सकती है.
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में है उज्जवल भविष्य
डॉ. राणा ने आगे बताया कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों में युवाओं के लिए बड़ी संभावनाएं हैं. इच्छुक व्यक्ति इस योजना से जुड़कर प्रशिक्षण, मार्गदर्शन और आर्थिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं. यह योजना न केवल आर्थिक सहायता देती है, बल्कि एक सशक्त भविष्य की दिशा भी तय करती है.
इच्छुक लोग कहां करें संपर्क?जो भी युवा पापड़, अचार, मसाले, बेकरी, नमकीन या किसी अन्य खाद्य प्रसंस्करण इकाई की शुरुआत करना चाहता है, वह अपने जिले के District Resource Person (DRP) से संपर्क कर सकता है या सीधे जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय, जौनपुर में किसी कार्य दिवस पर पहुंच सकते हैं.