Last Updated:July 02, 2025, 22:28 ISTAyodhya Latest News: अयोध्या के प्रसिद्ध कनक भवन को लेकर एक रोचक इतिहास जुड़ा है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, सबसे पहले इस भवन का जीर्णोद्धार स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने कराया था. बाद में महाराज विक्रमादित्य ने इस …और पढ़ेंहाइलाइट्सअयोध्या में स्थित कनक भवन एक ऐतिहासिक धरोहर भी है.इस कनक भवन का जीर्णोद्धार सबसे पहले द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने कराया था.बाद में महाराज विक्रमादित्य ने भी इस भवन का जीर्णोद्धार कराया था.अयोध्या: प्रभु राम की नगरी अयोध्या में लगभग 8 से 10,000 मठ-मंदिर स्थित हैं, जिनमें हर मठ मंदिर की अपनी अलग परंपरा, मान्यता और ऐतिहासिक कहानी है। प्रत्येक मठ मंदिर में माता जानकी और प्रभु राम की उपासना की जाती है. राम मंदिर से मात्र 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कनक भवन मंदिर (Kanak Bhawan) भी ऐसा ही एक ऐतिहासिक स्थल है, जिसकी अपनी अलग परंपरा और मान्यता है. अयोध्या आने वाले लाखों श्रद्धालु कनक भवन में दर्शन पूजन करने जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान श्री कृष्ण ने भी कनक भवन का जीर्णोद्धार महाराज विक्रमादित्य से पहले कराया था? तो चलिए इस रिपोर्ट में विस्तार से समझते हैं.
क्या है कनक भवन की ऐतिहासिक मान्यता?दरअसल धर्म के जानकार बताते हैं कि आज से करीब 2000 साल पहले महाराज विक्रमादित्य ने कनक भवन का जीर्णोद्धार कराया था, लेकिन महाराज विक्रमादित्य के पहले भगवान श्री कृष्ण ने भी इस महल का कायाकल्प किया था. इसका प्रत्यक्ष प्रमाण आज भी कनक भवन के मंदिर में देखने को मिलता है. जब भगवान श्री कृष्ण ने इस महल को बनवाया था, तो उस दौरान मंदिर में कुछ शीलापट (पत्थर पर लिखे शिलालेख) लगाए गए थे, जो संस्कृत भाषा में अंकित हैं. ये शीलापट इस बात की पुष्टि करते हैं कि भगवान श्री कृष्ण ने राजा विक्रमादित्य के पहले इस भवन का कायाकल्प करवाया था. बाद में महाराज विक्रमादित्य ने इस महल को बनवाया और शीलापट को संरक्षित भी किया, जो आज भी मौजूद हैं.
श्री कृष्ण ने करवाया था जीर्णोद्धार
राम कचहरी मंदिर के महंत शशिकांत दास बताते हैं कि द्वापर युग में जब भगवान श्री कृष्ण ने जरासंध का वध किया था, तो उसके बाद वे सीधे प्रभु राम की नगरी अयोध्या पहुंचे थे, जहां उन्होंने कनक भवन का जीर्णोद्धार कराया था. इस मंदिर का पत्थर आज भी कनक भवन में स्थित है. इसके बाद महाराज विक्रमादित्य ने अयोध्या के लगभग सभी मठ मंदिरों का कायाकल्प कराया था. कनक भवन में माता किशोरी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. अयोध्या आने वाले श्रद्धालु राम मंदिर, कनक भवन, दशरथ महल और हनुमानगढ़ी पर जरूर दर्शन पूजन करने जाते हैं.
माता सीता को मुंह दिखाई में मिला था भवनधार्मिक मान्यता के अनुसार, कनक भवन मंदिर त्रेता युग में सोने का हुआ करता था. माता कैकई ने यह महल माता सीता को विवाह के बाद ‘मुंह दिखाई’ की रस्म में भेंट किया था. तभी से इसे ‘कनक भवन’ कहा जाता है. यहां माता जानकी और प्रभु राम की विशेष पूजा होती है.
लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्रहर साल लाखों श्रद्धालु अयोध्या आकर राम मंदिर, कनक भवन, दशरथ महल और हनुमानगढ़ी में दर्शन करते हैं. कनक भवन मंदिर का दर्शन समय सुबह 7:00 बजे से 11:00 बजे और शाम 4:00 बजे से रात 9:00 बजे तक रहता है.Location :Ayodhya,Faizabad,Uttar Pradeshhomeuttar-pradeshराम मंदिर से सिर्फ 1 KM दूर… कनक भवन में छुपा है श्री कृष्ण से जुड़ा ये रहस्य