एजबेस्टन टेस्ट की पहली पारी में भले ही यशस्वी जायसवाल शतक से चूक गए, लेकिन उन्होंने अपने नाम एक बड़ा कीर्तिमान कर दिया. उन्होंने जो कमाल किया वह इंग्लैंड की धरती पर इतिहास में कोई भारतीय बल्लेबाज नहीं कर पाया है. वह इंग्लैंड की धरती पर ऐसा करिश्मा करने वाली पहले भारतीय बल्लेबाज बन गए हैं. बता दें कि यशस्वी जायसवाल अपने पहले ही इंग्लैंड दौरे पर हैं, जिसकी शुरुआत उन्होंने लीड्स में हुए सीरीज ओपनर टेस्ट में शतक जड़कर की. 101 रन की पारी खेलकर उन्होंने कई रिकॉर्ड अपने नाम किए. अब लगातार दूसरे टेस्ट में उन्होंने इंग्लैंड की धरती पर अर्धशतक ठोक इतिहास रच दिया.
शतक से चूके यशस्वी
इस मैच का टॉस इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने जीता और बॉलिंग करने का फैसला किया. केएल राहुल 2 रन बनाकर जल्दी आउट हो गए, लेकिन यशस्वी ने करुण नायर के साथ मिलकर भारत की पारी को संभाला. यशस्वी धीरे-धीरे शतक की ओर बढ़ ही रहे थे कि क्रिस वोक्स की एक गेंद ने लगातार दूसरे मैच में सेंचुरी ठोकने का सपना तोड़ दिया. यशस्वी 107 गेंदों में 87 रन बनाकर आउट हुए. उनकी इस पारी में 13 चौके भी शामिल रहे. इस दौरान अर्धशतक पूरा करते ही उन्होंने एक बड़ी उपलब्धि नाम कर ली.
ऐसा करने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज
दरअसल, यशस्वी जायसवाल इंग्लैंड के खिलाफ इंग्लैंड में ही लगातार दो टेस्ट मैचों में दो बार 50 से अधिक का स्कोर बनाने वाले पहले बाएं हाथ के भारतीय ओपनर बल्लेबाज हैं. उन्होंने हेडिंग्ले में पहले टेस्ट में 101 रन बनाए थे और अब एजबेस्टन में दूसरे टेस्ट में अर्धशतक बनाकर यह मुकाम हासिल किया. यशस्वी ने इंग्लैंड के एक ही टेस्ट दौरे पर दो या उससे अधिक 50 से अधिक स्कोर बनाने के पूर्व ओपनर बल्लेबाज नारी कॉन्ट्रैक्टर के रिकॉर्ड की भी बराबरी की. कॉन्ट्रैक्टर और जायसवाल इंग्लैंड के एक ही दौरे पर दो या उससे अधिक पचास से अधिक स्कोर बनाने वाले केवल दो बाएं हाथ के भारतीय ओपनर हैं.
इस क्लब में मारी एंट्री
यशस्वी जायसवाल ने उन दिग्गज भारतीय ओपनर के क्लब में एंट्री कर ली है, जिन्होंने इंग्लैंड में इंग्लैंड के खिलाफ लगातार दो टेस्ट मैचों में दो 50 से अधिक का स्कोर बनाया है. इस लिस्ट में सुनील गावस्कर (1979), मुरली विजय (2014), रोहित शर्मा (2021), राहुल द्रविड़ (2011), दिनेश कार्तिक (2007), केएल राहुल (2021), विजय मर्चेंट (1946), वीरेंद्र सहवाग (2002), वसीम जाफर (2007) और सैयद मुश्ताव अली (1936) शामिल हैं.