मथुरा: यूपी में सड़क हादसों का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. रविवार को मथुरा और मुजफ्फरनगर से दो दिल दहला देने वाली घटनाएं सामने आईं, जिसमें कुल पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि दो की हालत काफी नाजुक बताई जा रही है.पहली घटना मथुरा जिले की है, जहां यमुना एक्सप्रेसवे पर एक तेज रफ्तार कार खड़े आईसर कैंटर में जा घुसी. यह हादसा माइलस्टोन 92 के पास हुआ. कार आगरा से नोएडा की ओर जा रही थी, तभी थाना मांट क्षेत्र के पास यह भीषण टक्कर हो गई. टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार के परखच्चे उड़ गए. हादसे में एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया. मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
हादसे में कार सवार 4 लोगों की मौतवहीं दूसरी घटना मुजफ्फरनगर जिले के छपार थाना क्षेत्र में हुई, जहां पानीपत-खटीमा राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक कार फ्लाईओवर से नीचे गिर गई. इस हादसे में कार सवार चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक अन्य की हालत नाजुक बताई जा रही है. हादसे के शिकार सभी लोग गुजरात के रहने वाले थे. बताया जा रहा है कि कार अनियंत्रित होकर सीधे फ्लाईओवर की रेलिंग तोड़ते हुए नीचे जा गिरी. स्थानीय लोगों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया.
सोनभद्र में सड़क हादसा
सोनभद्र के पिपरी थाना क्षेत्र में कुयारी गांव के पास तेज रफ्तार 102 एंबुलेंस के अचानक ब्रेक लगाने से बड़ा हादसा हो गया. एंबुलेंस को बचाने के चक्कर में कोयला लदी ट्रक खाई में गिर गई. हादसे में ट्रक चालक घायल हो गया. मौके पर हड़कंप मच गया.
तेज रफ्तार कार ने बाइक को मारी टक्कर
झांसी के पारीछा पावर प्लांट के पास CISF जवान की बाइक को तेज रफ्तार कार ने टक्कर मार दी. हादसे में जवान की पत्नी की हालत गंभीर है, जबकि जवान और उसकी बेटी भी गंभीर रूप से घायल हो गए. सभी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
नहीं थम रहे हादसेइन घटनाओं ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हाईवे और एक्सप्रेसवे पर बढ़ती रफ्तार कैसे जानलेवा बनती जा रही है. तेज रफ्तार, लापरवाही और नींद की झपकी जैसे कारणों से आए दिन हादसे हो रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद रफ्तार पर लगाम नहीं लग रही. एक्सप्रेसवे पर खड़े वाहनों के प्रति सजगता न होना और फ्लाईओवर जैसे संवेदनशील स्थानों पर गति पर नियंत्रण न रखना, जान पर भारी पड़ रहा है.
प्रशासन लगातार सड़क सुरक्षा को लेकर चेतावनी और नियम लागू कर रहा है, लेकिन जमीनी स्तर पर इनका पालन नहीं होना चिंता का विषय है. हर साल हजारों लोग सिर्फ रफ्तार और लापरवाही की भेंट चढ़ जाते हैं.