indian hockey star lalit upadhyay wanted to retire at career peak interested for coaching role | करियर के पीक पर संन्यास, 31 साल के भारतीय खिलाड़ी ने अब टीम से जुड़ने की जताई इच्छा; बोले- अगर…

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indian hockey star lalit upadhyay wanted to retire at career peak interested for coaching role | करियर के पीक पर संन्यास, 31 साल के भारतीय खिलाड़ी ने अब टीम से जुड़ने की जताई इच्छा; बोले- अगर...



भारतीय हॉकी स्टार ललित उपाध्याय ने खुलासा किया है कि उन्होंने अपने करियर के पीक पर संन्यास लेने का फैसला किया और वह खुद को खेल में नहीं घसीटना चाहते थे. ललित ने यह भी कहा है कि अगर हॉकी इंडिया चाहे तो वह खिलाड़ियों को कोचिंग देने के लिए भी तैयार हैं. बता दें कि पिछले कुछ साल से भारतीय टीम का अभिन्न अंग रहे ललित ने 22 जून को एफआईएच हॉकी प्रो लीग के भारत के यूरोपीय स्टेज के खत्म होने के बाद इंटरनेशनल हॉकी से संन्यास का ऐलान कर दिया. 
‘करियर के पीक पर लेना था संन्यास’
हाल ही में पीटीआई से बात करते हुए इस पूर्व मिडफील्डर ने कहा कि उन्हें लगा कि उनका फॉर्म और फिटनेस शानदार होने के बावजूद खेल छोड़ने का यह सही समय है. ललित ने कहा, ‘मैं लगभग 32 साल का हूं और मुझे लगा कि अब अलविदा कहने का समय आ गया है. मैं अपने पीक पर रहते हुए संन्यास लेना चाहता था और लिगामेंट की चोट के बावजूद मेरी फिटनेस और फॉर्म शानदार रही है.’ 31 साल के उपाध्याय ने अपने करियर के दौरान दो ओलंपिक मेडल जीते, जिसमें टोक्यो और पेरिस ओलंपिक के दौरान भारत के साथ ब्रॉन्ज मेडल शामिल है. 2014 में सीनियर इंटरनेशनल डेब्यू करने वाले इस स्टार ने भारत के लिए 179 से अधिक मैच खेले और 40 से अधिक गोल किए.
मन बना लिया था – ललित
जब उनसे पूछा गया कि क्या संन्यास लेने का उन पर कोई दबाव था, तो ललित ने कहा कि उन्होंने खुद यह फैसला लिया और पुरुष टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह समेत कई लोगों ने उन्हें खेलना जारी रखने के लिए कहा था. ललित ने यह भी कहा कि उन्होंने संन्यास के बारे में अपना मन बना लिया था. इस मिडफील्डर ने कहा, ‘मैंने यह फैसला खुद लिया है. मैं खुद को घसीटना नहीं चाहता था. (कप्तान) हरमनप्रीत सिंह समेत कई लोग चाहते थे कि मैं खेलता रहूं, लेकिन मैंने अपना मन बना लिया था.’
ललित ने यह भी बताया कि वह हॉकी प्रो लीग के हालिया स्टेज के लिए यूरोप जाने से पहले रिटायरमेंट के बारे में सोच रहे थे. उन्होंने कहा, ‘टीम बहुत सहयोगी थी, लेकिन समय (रिटायर होने का) आ गया था. प्रो लीग के लिए यूरोप जाने से पहले ही मैं संन्यास लेने के बारे में सोच रहा था. मैं घरेलू हॉकी और लीग खेलना जारी रखूंगा.’
कोच बनने की जाहिर की इच्छा
ललित से जब सवाल किया गया कि क्या उनकी कोचिंग में आने की कोई इच्छा है, तो उन्होंने कहा कि अगर हॉकी इंडिया चाहे तो वह इसके लिए तैयार हैं. ललित ने कहा, ‘अगर हॉकी इंडिया चाहे तो मैं इसके लिए तैयार हूं. मैं हॉकी खिलाड़ियों की भावी पीढ़ी की मदद करना चाहता हूं.’ बता दें कि भारतीय हॉकी में उनके योगदान के लिए ललित को 2021 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.



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