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अब अपनी मर्जी से संन्यास भी नहीं ले पाएंगे क्रिकेटर्स! इन कड़े नियमों से मची सनसनी



नई दिल्ली: पिछले कुछ समय से श्रीलंकाई क्रिकेट में कोहराम मचा हुआ है. इस देश के क्रिकेटर्स और बोर्ड में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. लगातार खिलाड़ी इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेकर लीग क्रिकेट खेलने पर ध्यान लगा रहे हैं. ऐसे में श्रीलंकाई बोर्ड ने कठिन नियम अपने देश के क्रिकेटर्स के लिए जारी किए हैं. जिसमें ये खिलाड़ी अब अपनी मर्जी के समय से रिटायर भी नहीं हो पाएंगे. 
कड़े नियमों से मची सनसनी 
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की इच्छा रखने वाले श्रीलंका के खिलाड़ियों को तीन महीने का नोटिस देना होगा और फ्रेंचाइजी आधारित टी20 लीग में खेलने की एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) के लिए संन्यास के बाद छह महीने तक इंतजार करना होगा. खिलाड़ियों को समय से पहले संन्यास और लुभावनी टी20 घरेलू लीग में जाने से रोकने के लिए श्रीलंका क्रिकेट (एसएलसी) ने ये दिशानिर्देश जारी किए हैं. दिशानिर्देशों के अनुसार लंका प्रीमियर लीग (एलपीएल) में खेलने का पात्र होने के लिए खिलाड़ियों को सत्र में कम से कम 80 प्रतिशत मैच खेलने होंगे.
अचानक कई खिलाड़ी हुए थे रिटायर
एसएलसी ने दनुष्का गुणातिलक और भानुका राजपक्षे के संन्यास की घोषणा करने के बाद यह फैसला किया है. गुणातिलक ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा है जबकि राजपक्षे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास ले चुके हैं. एसएलसी ने शनिवार को एक बयान में कहा, ‘राष्ट्रीय क्रिकेट टीम से संन्यास लेने की इच्छा रखने वाले राष्ट्रीय खिलाड़ियों को श्रीलंका क्रिकेट को तीन महीने का नोटिस देना होगा कि उनकी संन्यास लेने की इच्छा है.’
बयान के अनुसार, ‘विदेशी फ्रेंचाइजी लीग में खेलने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) चाहने वाले संन्यास ले चुके राष्ट्रीय खिलाड़ियों को संन्यास लेने की तारीखे के छह महीने बाद ही प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा.’
बोर्ड ने कहा, ‘संन्यास ले चुके राष्ट्रीय खिलाड़ी एलपीएल जैसी घरेलू लीग में खेलने के पात्र तभी होंगे जब वे लीग से पहले वाले सत्र में घरेलू क्रिकेट प्रतियोगिताओं में 80 प्रतिशत मुकाबले खेलेंगे.’ माना जा रहा है कि चिंतित एसएलसी ने ये नए दिशानिर्देश जारी किए हैं क्योंकि उसका मानना है कि नई अनिवार्य फिटनेस जरूरतों को देखते हुए कई खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय संन्यास पर विचार कर सकते हैं.
 



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