करुण नायर, वो नाम जिसने ट्रिपल सेंचुरी के साथ करियर का यादगार आगाज किया. लेकिन इसका अंदाजा भी नहीं था कि टीम इंडिया में वापसी के लिए 8 साल तपस्या करनी होगी. नायर की वापसी की उम्मीदें खत्म हो चुकी थीं, लेकिन मेहनत रंग लाई. लेकिन हम उस चैंपियन कप्तान का दर्द बताने जा रहे हैं जिसका हाल करुण नायर से भी कई ज्यादा बुरा है. भारतीय क्रिकेट में डेब्यू के इंतजार में ही करियर खत्म हो गया. अब यूएसए क्रिकेट में भी साल पर साल बर्बाद हो रहे हैं.
कौन है वो क्रिकेटर?
हम बात कर रहे हैं भारतीय अंडर-19 टीम को चैंपियन बनाने वाले उन्मुक्त चंद की. जिन्होंने 2021 में अपने रिटायरमेंट पोस्ट में लिखा था, ‘क्रिकेट एक सार्वभौमिक खेल है और भले ही इसके साधन बदल जाएं, लेकिन अंतिम लक्ष्य अभी भी वही है. उच्चतम स्तर पर क्रिकेट खेलना.’ उन्होंने 28 साल की उम्र में संन्यास का ऐलान कर दिया था. इसके बाद यूएसए क्रिकेट का रुख कर लिया.
यूएसए क्रिकेट से भी मिला ‘धोखा’
इंटरनेशनल टीम में अपने टैलेंट को दिखाने के लिए उन्होंने यूएसए में अपने पैर जमा लिए हैं. दिल्ली के रहने वाले उन्मुक्त चंद को क्रिकेट का कीड़ा विदेश तक खींच ले गया. वह यूएसए की टीम के लिए खेलने का सपना लेकर 2021 में सैन फ्रांसिस्को में शिफ्ट हो गए. 4 साल हो चुके हैं लेकिन उन्हें अभी तक यूएसए क्रिकेट से वह पहला कॉल नहीं मिला है.
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बयां किया दर्द
उन्मु्क्त चंद ने मेजर क्रिकेट लीग के तीसरे सीजन से पहले टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, ‘यूएसए जाना मेरे लिए दूसरे मौके जैसा था, जब मैं यूएसए गया तो मेरा एकमात्र लक्ष्य राष्ट्रीय टीम के लिए खेलना था. विश्व कप कुछ ऐसा था जो बहुत महत्वपूर्ण था और इसी तरह मैंने भारत से अपने रिटायरमेंट का समय भी तय किया.’ एमएलसी के पहले दो संस्करणों में उन्मुक्त के नंबर काफी अच्छे नहीं थे. पहले सीज़न में, उन्होंने चार आउटिंग में केवल 68 रन बनाए, और अगले सीज़न में वह छह मैचों में 158 रन ही बनाने में कामयाब हुए.