The Link Between Poor Sleep and Heart Stroke: भारत समेत दुनियाभर में दिल की बीमारी बढ़ती जा रही है, वैसे तो इसके कई कारण हैं, लेकिन एक बड़ी वजह नींद की कमी हो सकती है. डॉ. श्रीदेवी चिगुल्लापल्ली (Dr. Sridevi Chigullapalli), कंसल्टेंट कार्डियोलॉजिस्ट, डीपीयू सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, पिंपरी, पुणे ने बताया कि आमतौर पर हर 2 में से तकरीबन 1 एडल्ट को शॉर्ट टर्म इंसोमनिया (खराब नींद) का तजुर्बा होता है.क्रोनिक इंसोमनिया लगभग 6-10% आबादी को अफेक्ट करती है.
नींद की कमी के लक्षणइसके लक्षणों में नींद आने में परेशानी, नींद को बनाए रखने में मुश्किलें, अच्छी क्वालिटी वाली नींद लेने में दिक्कतें, दिन में नींद आना, कंसंट्रेशन और फोकस करने में परेशानी, याददाश्त में गड़बड़ी और स्ट्रेस और डिप्रेशन में इजाफा शामिल हैं.
नींद की कमी और दिल की बीमारीकई रिसर्च से पता चलता है कि नींद की परेशानी कार्डियोवेस्कुलर डिजीज (CVD) के हाई रिस्क का कारण बनती है, जिससे दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. इसके सटीक कारणों का पता नहीं है, लेकिन इसका प्रोपोज्ड मैकेनिज्म स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल के बढ़े हुए सिक्रीशन के कारण होता है, जिससे हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है. एक स्टडी में पाया गया कि नींद की कमी से परेशान मरीजों में दिल की बीमारियों का खतरा 45% ज्यादा था.
इन परेशानियों की आहटअध्ययनों से यह भी पता चला है कि छोटी या डिस्टर्ब्ड स्लीप, जैसे कि इनसोमनिया के लक्षण, बीपी और सूजन को बढ़ा सकते हैं, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. और दूसरे रिसर्च ने खराब नींद और दिल की नसों में कैल्शियम के जमाव के बीच रिश्ता दिखाया है, जो हार्ट डिजीज के हाई रिस्क में भी कंट्रीब्यूट कर सकता है.
डॉक्टर की लें मददअगर आपको लगता है कि कम नींद आपकी डेली रूटीन को अफेक्ट कर रही है, तो मेडिकल हेल्प लेना जरूरी है. आपके डॉक्टर आपकी सेहत पर नींद के बुरे असर की जांच करेंगे और उसके हिसाब से ट्रीटमेंट करेंगे. वो दूसरी हेल्थ इशूज पर भी विचार करेंगे जो आपकी नींद को अफेक्ट कर सकती हैं. अगर आपको कम से कम तीन महीने तक, हफ्ते में कम से कम तीन दिन सोने और सोए रहने में परेशानी होती है, तो आपको क्रोनिक इंसोमनिया का डायग्नोसिस किया जा सकता है. प्राइमरी ट्रीटमेंट ऑप्शंस में बेहतर नींद की आदतें बनाना और कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी करना शामिल है. कुछ नुस्खे वाली दवाएं नींद की कमी को दूर करने में मदद कर सकती हैं, हालांकि बड़े पैमाने पर शॉर्ट टर्म बेनेफिट्स के साथ.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.