Railway में पिता स्टेशन मास्टर, बेटा इंजीनियरिंग ग्रेजुएट, बनाई ऐसी रणनीति, तीसरी बार में UPSC फतह

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Last Updated:June 27, 2025, 13:22 ISTUPSC Story: कर्नाटक के 26 वर्षीय श्रेयांस गोम्स ने बिना ट्रेडिशनल कोचिंग के, सिर्फ डिजिटल पढ़ाई और मेहनत से यूपीएससी 2025 में 372वीं रैंक हासिल की हैं. उनकी सफलता से परिवार और तटीय कर्नाटक में खुशी का माहौल है.UPSC Story: इंजीनियरिंग ग्रेजुएट करके तीसरी बार में क्रैक किया यूपीएससी हाइलाइट्सइंजीनियरिंग के बाद बनाई UPSC फतह की रणनीतितीसरी बार मिली कामयाबीUPSC में हासिल की 372वीं रैंकUPSC Story: अगर किसी भी चीज को पाने की चाहत रखते हैं और उसी डायरेक्शन में मेहनत करते हैं, तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है. इसी तरह कर्नाटक के 26 वर्षीय श्रेयांस गोम्स (Shreyans Gomes) ने यूपीएससी सिविल सेवा 2025 की परीक्षा में 372वीं रैंक हासिल की है. उनके इस उपलब्धि से उनके परिवार और पूरे तटीय कर्नाटक में खुशी की लहर दौड़ गई. खास बात यह है कि श्रेयांस ने बिना किसी ट्रेडिशनल कोचिंग के सिर्फ डिजिटल लर्निंग और खुद की मेहनत से यह मुकाम पाया है.प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
यूपीएससी 2025 की परीक्षा में 372वीं रैंक हासिल करने वाले श्रेयांस कर्नाटक के उडुपी के उत्तर कन्नड़ जिले के मुरुदेश्वर के रहने वाले हैं. उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई वहीं पूरी की और बाद में मूडबिद्री के अल्वा कॉलेज से प्री-यूनिवर्सिटी की पढ़ाई की. फिर उन्होंने बेंगलुरु के आर वी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. उनके पिता कोंकण रेलवे में स्टेशन मास्टर हैं और मां गृहिणी हैं. उनके छोटे भाई श्रेयिथ मणिपाल में पढ़ाई कर रहे हैं.

सिविल सेवा में रुचि और तैयारी का सफर

इंजीनियरिंग के दौरान श्रेयांस को प्रशासन और देश की सेवा में गहरी दिलचस्पी हुई. उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी अपने दम पर शुरू की. पहले प्रयास में उन्होंने प्रारंभिक परीक्षा पास की, लेकिन मुख्य परीक्षा में सफल नहीं हो सके. दूसरे प्रयास में प्रारंभिक परीक्षा में ही अटक गए. फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और तीसरे प्रयास में पूरी मेहनत से तैयारी कर तीनों चरणों प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार में सफलता हासिल की.

डिजिटल लर्निंग से मिली सफलता

श्रेयांस ने पूरी तैयारी बिना किसी ट्रेडिशनल कोचिंग के ऑनलाइन और डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए की हैं. यह उनकी सफलता की खास बात है, जो यह दिखाती है कि डिजिटल युग में आत्म-प्रेरणा और सही संसाधन से कोई भी बड़ा लक्ष्य पाया जा सकता है. यूपीएससी परीक्षा के लिए किसी भी पृष्ठभूमि से आने वाले उम्मीदवार अगर अंदर से सेल्फ मोटिवेटेड हैं और मेहनत करने को तैयार हैं, तो वे जरूर सफल हो सकते हैं. निरंतर मेहनत और धैर्य ही सफलता की कुंजी है.

स्मार्ट वर्क और धैर्य भी महत्वपूर्ण

उन्होंने कहा कि मेहनत के साथ-साथ स्मार्ट तरीके से पढ़ाई करना भी ज़रूरी है. परिणाम की चिंता छोड़कर पूरी लगन से तैयारी करें और परिणाम अपने समय पर आएगा. हार न मानना और लगातार कोशिश करना सफलता की राह में सबसे बड़ा हथियार है. श्रेयांस गोम्स की सफलता की कहानी न केवल तटीय कर्नाटक के युवाओं के लिए बल्कि पूरे देश के विद्यार्थियों के लिए एक मिसाल है.

Munna Kumarपत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin…और पढ़ेंपत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin… और पढ़ेंhomecareerRailway में पिता स्टेशन मास्टर, बेटे ने बनाई ऐसी रणनीति,तीसरी बार में UPSC फतह

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