detoxification to weight loss these are the benefits of Bhastrika Pranayama | योग से करें बॉडी डिटॉक्स, मोटापे को कम करने के साथ मेंटल स्ट्रेस के लिए भी फायदेमंद है भस्त्रिका प्राणायाम

admin

detoxification to weight loss these are the benefits of Bhastrika Pranayama | योग से करें बॉडी डिटॉक्स, मोटापे को कम करने के साथ मेंटल स्ट्रेस के लिए भी फायदेमंद है भस्त्रिका प्राणायाम



Bhastrika Pranayama For Weight Loss: बिजी लाइफस्टाइल में खुद को अगर आप अपने दिन की शुरुआत कुछ मिनटों के योग और प्राणायाम से करते हैं, तो न सिर्फ शरीर फिट रहता है बल्कि दिमाग भी शांत और ताजा महसूस करता है. खासतौर पर भस्त्रिका प्राणायाम, ये एक ऐसी प्रैक्टिस है, जो आपके शरीर और दिमाग दोनों को ताकत देती है. इस खबर में हम आपको भस्त्रिका प्राणायाम के फायदे बताएंगे.
 
भस्त्रिका का मतलब?भस्त्रिका शब्द संस्कृत से आया है, जिसका मतलब होता है ‘धौंकनी’. जैसे लोहार धौंकनी से तेज हवा छोड़कर लोहे को गर्म करता है और उसकी सारी अशुद्धियां निकाल देता है, वैसे ही भस्त्रिका प्राणायाम हमारे शरीर की धौंकनी बन जाता है. यह तेज और गहरी सांसों के जरिए अंदर की गंदगी, चाहे वो थकान हो, स्ट्रेस हो या नेगेटिव सोच, सबको बाहर फेंक देता है. आयुष मंत्रालय ने इसे पूरा डिटॉक्स प्राणायाम बताया है. यह वात, पित्त और कफ की समस्याओं के लिए राम-बाण इलाज है.
 
डिटॉक्सिफिकेशन में मददगारआयुष मंत्रालय के मुताबिक, यह एक ऐसी प्रैक्टिस है जो शरीर को गहराई से सफाई करता है. यह शरीर के अंदर जमा हुए टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है. इससे शरीर हल्का और ताजा महसूस होता है. आयुर्वेद के अनुसार, हमारे शरीर में तीन दोष होते हैं – कफ, पित्त और वात. अगर ये बैलेंस्ड हो जाएं, तो कई तरह की बीमारियां होने लगती हैं. भस्त्रिका प्राणायाम इन तीनों दोषों को बैलेंस में लाने में मदद करता है. यह डाइजेशन को ठीक करता है, सांस को बेहतर बनाता है और दिमाग को शांत करता है.
 
भस्त्रिका प्राणायाम के फायदेभस्त्रिका प्राणायाम गले से जुड़ी समस्याओं में भी बहुत फायदेमंद माना जाता है. जब आप तेज और गहरी सांस लेते हैं, तो यह गले की सफाई में मदद करता है और वहां जमा कफ को बाहर निकालता है. इससे गले में जमा बलगम कम होता है और सूजन भी धीरे-धीरे घटने लगती है. गले में अगर खराश या भारीपन है, तो यह प्राणायाम उसमें भी राहत देता है. रोजाना प्रैक्टिस से सांस की नली साफ रहती है और गले की तकलीफें कम हो जाती हैं.
 
नर्वस सिस्टम के लिए मददगारयह हमारे नर्वस सिस्टम को संतुलित करने में मदद करता है. जब आप गहरी और तेज सांस लेते हैं, तो दिमाग तक ज्यादा ऑक्सीजन पहुंचती है, जिससे स्ट्रेस कम होता है. यह प्राणायाम शरीर और दिमाग के बीच बेहतर तालमेल बनाता है. इससे चिड़चिड़ापन, घबराहट और बेचैनी जैसी समस्याएं दूर होती हैं, जिससे मन शांत बना रहता है और नींद भी बेहतर होती है. नर्वस सिस्टम मजबूत होगा तो शरीर भी अच्छा काम करेगा और मानसिक संतुलन बना रहेगा.
 
दमा, टीबी और सांस से जुड़ी समस्याएंइसके अलावा, यह मोटापा कम करने में भी मददगार होता है. तेज सांसों के प्रोसेस से शरीर की कैलोरी घटती है और वेट कम होने लगता है. इसके साथ ही यह फेफड़ों की ताकत बढ़ाता है, जिससे दमा, टीबी और सांस से जुड़ी बीमारियों में राहत मिलती है. लगातार प्रैक्टिस करने से फेफड़ों में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है, जिससे इम्यूनिटी बेहतर होती है.
 
आंख, कान और नाक की बेहतर सेहतभस्त्रिका प्राणायाम सिर्फ फेफड़ों को ही नहीं, बल्कि आंख, कान और नाक के हेल्थ को भी बेहतर बनाता है. गहरी सांसों से सिर के हिस्से में ताजगी और एनर्जी पहुंचती है. इससे आंखों की रोशनी तेज होती है, कानों की क्षमता सुधरती है, और नाक की सफाई अच्छी तरह होती है.
 

ऐसे करें भस्त्रिका प्राणायाम की प्रैक्टिसभस्त्रिका प्राणायाम करने के लिए सबसे पहले आराम से पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं. फिर धीरे-धीरे गहरी सांस लें और उसे जोर से बाहर छोड़ें. इस दौरान अपनी छाती को फुलाना और फिर पिचकाना जरूरी होता है. शुरुआत में धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें. इस तरीके को 4 से 5 बार दोहराएं.–आईएएनएस
 
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.



Source link