5 Reasons For India defeat Against England At Headingley: भारतीय क्रिकेट टीम के लिए इंग्लैंड दौरे की शुरुआत निराशाजनक हुई है. उसे लीड्स के हेडिंग्ले में खेले गए रोमांचक टेस्ट मैच में हार का सामना करना पड़ा है. इस हार ने टीम को सीरीज में 0-1 से पीछे कर दिया है. इंग्लिश टीम को आखिरी दिन जीत के लिए 371 रन बनाने थे. बेन स्टोक्स की टीम ने 5 विकेट के नुकसान पर इस टारगेट को मैच के आखिरी सेशन में हासिल कर लिया. यह इंग्लैंड में दूसरा सबसे बड़ा और हेडिंग्ले में सबसे अधिक सफल रन चेज है.
मैच में क्या हुआ?
इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया. भारत ने पहली पारी में यशस्वी जायसवाल (101), कप्तान शुभमन गिल (147) और विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत (134) के शतकों की बदौलत 471 रन बनाए. इंग्लैंड की टीम पहली पारी में ओली पोप (106) के शतक की बदौलत 465 रन बनाए. भारत को 6 रनों की बढ़त मिली. इसके बाद टीम इंडिया दूसरी पारी में 364 रनों पर सिमट गई. इस तरह उसने इंग्लैंड को 371 रन का लक्ष्य दिया. भारत के लिए दूसरी पारी में केएल राहुल ने 137 और ऋषभ पंत ने 118 रन बनाए. इंग्लैंड ने दूसरी पारी में बेन डकेट के शतक (149) रनों की बदौलत 5 विकेट पर 373 रन बनाकर मैच को जीत लिया. उसके लिए जैक क्रॉली ने 65 और जो रूट ने नाबाद 53 रन बनाए. जेमी स्मिथ ने नाबाद 44 रन बनाए.
टीम इंडिया की हार के 5 बड़े कारण
1. शुभमन गिल की खराब कप्तानी
कप्तान के रूप में शुभमन गिल के पहले टेस्ट में उनका नेतृत्व भी सवालों के घेरे में है. कप्तान होने के बावजूद फील्डिंग में बदलाव ऋषभ पंत और केएल राहुल जैसे अन्य खिलाड़ियों द्वारा किए जा रहे थे. वह मैदान पर दबाव में दिख रहे थे. गिल ने पहले टेस्ट शुरू होने से पहले कहा था कि उनका मुख्य ध्यान बल्लेबाजी पर होगा, क्योंकि यह टीम में उनकी मुख्य भूमिका है. उन्होंने पहली पारी में एक बेहतरीन शतक के साथ इस बात को साबित भी किया. फील्ड प्लेसमेंट से लेकर बॉलिंग में बदलाव तक में वह आक्रामक नहीं दिखे. उन्होंने शार्दुल ठाकुर का सही से इस्तेमाल नहीं किया.
2. खराब फील्डिंग और छूटे हुए कैच
भारत की फील्डिंग बहुत खराब रही.टीम ने मैच में सात कैच छोड़े, जिसमें अकेले इंग्लैंड की पहली पारी में पांच शामिल थे. 2019 के बाद से यह उनका सबसे खराब फील्डिंग प्रदर्शन है. यशस्वी जायसवाल ने इस खेल में सबसे अधिक कैच छोड़े. एक समय तो ऐसा लग रहा था कि गेंद जानबूझकर जायसवाल की ओर जा रही थी क्योंकि उसे पता था कि वह उसे छोड़ देंगे. ऋषभ पंत, साई सुदर्शन और रवींद्र जडेजा जैसे खिलाड़ी भी कैच छोड़ने के दोषी थे. उन्होंने सभी ने एक-एक कैच छोड़ा. चार जायसवाल से छूटे, जिनमें से तीन बुमराह की गेंदबाजी पर थे.
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3. दबाव में गेंदबाजों ने किया निराश
भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने पहली पारी में पांच विकेट लिए और शानदार नियंत्रण के साथ गेंदबाजी की. उन्हें कम से कम तीसरे दिन तक अन्य गेंदबाजों से ज्यादा समर्थन नहीं मिला, दूसरी पारी में, वह विकेट नहीं ले पाए. इंग्लैंड के ओपनर बल्लेबाजों ने उन्हें सावधानी से खेला. एक बार फिर भारत के अन्य गेंदबाजों ने अंतिम दिन लंच तक कोई खास प्रदर्शन नहीं किया. पांचवें दिन के दूसरे सत्र के दौरान बारिश के कारण हुई देरी के बाद प्रसिद्ध कृष्णा और शार्दुल ठाकुर ने दो-दो विकेट लिए, लेकिन तब तक नुकसान हो चुका था. मोहम्मद सिराज को दूसरी पारी में भी एक भी विकेट नहीं मिला. कृष्णा ने विकेट चटकाए, लेकिन उन्होंने टेस्ट में वनडे की तरह रन लुटाए. यहीं हाल रवींद्र जडेजा का भी रहा. वह कुछ-कुछ मौकों पर विकेट लेने के करीब पहुंचे, लेकिन रन रोकने में नाकाम रहे. अब सीरीज के अगले मैचों में गेंदबाजों को वापसी करनी होगी.
England win the opening Test by 5 wickets in Headingley#TeamIndia will aim to bounce back in the 2nd Test
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— BCCI (@BCCI) June 24, 2025
4. बैटिंग कोलैप्स ने किया निराश
भारत दोनों पारियों में शानदार स्थिति में था लेकिन अचानक हुई गिरावटों के कारण सब कुछ गंवा दिया. पहली पारी में भारत यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल और ऋषभ पंत के शतकों के साथ 430/3 पर था. 600 के करीब का स्कोर संभव लग रहा था. लेकिन टीम इंडिया 471 पर ऑल आउट हो गई. आखिरी 7 विकेट 41 रन पर गिर गए. दूसरी ओर, इंग्लैंड के निचले क्रम ने पहली पारी में 71 रन जोड़े, जिससे उनकी टीम को भारत के विशाल स्कोर की बराबरी करने में मदद मिली. दूसरी पारी में भी भारतीय टीम के लिए कोई खास बदलाव नहीं आया. ऋषभ पंत ने एक और शतक बनाया. केएल राहुल ने भी शतक जड़ा. एक समय भारत 333/5 पर था और 400 से अधिक की बढ़त की ओर बढ़ रहा था. लेकिन टीम ने अपने आखिरी 5 विकेट केवल 31 रन पर खो दिए और 364 रन पर ऑल आउट हो गई.
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5. गंभीर की प्लानिंग में कमी
गौतम गंभीर की प्लानिंग में कमी मैच के दौरान साफ-साफ दिखी. वह एक अतिरिक्त गेंदबाज के साथ नहीं उतरे. लीड्स जैसे विकेट पर एक अतिरिक्त स्पिनर से टीम को लाभ मिल सकता था. उन्हें कुलदीप यादव को रखना चाहिए था. वह अंग्रेज बल्लेबाजों के सामने असरदार साबित होते. उन्होंने एक अतिरिक्त स्पिनर की जगह शार्दुल ठाकुर को चुना. शार्दुल न तो बल्लेबाजी में कुछ कर पाए और न गेंदबाजी में उन्हें प्रभाव छोड़ने के लिए ज्यादा मौके मिले.
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