चाची की कचौरी को फेल करती है ये फेमस पकौड़ी, बारिश में लोगों की फेवरेट, जानें लोकेशन और रेट

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Last Updated:June 21, 2025, 23:06 ISTगाजीपुर की शिवजी की पकौड़ी 80 सालों से परंपरा है. दही-बेसन से बनी यह पकौड़ी मिट्टी के बर्तन में तैयार होती है. 10 रुपए में 6 पकौड़ी मिलती है. यह दुकान हर उम्र के लोगों को आकर्षित करती है. आइए जानते है इसकी खासियत…… गाजीपुर की शिवजी की पकौड़ी सिर्फ स्वाद नहीं, बल्कि 80 सालों से चली आ रही एक परंपरा है. मिट्टी के बर्तन में दही-बेसन से बनी यह पकौड़ी हर बारिश में लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है.  शिवजी की पकौड़ी में न तो हल्दी है और न ही किसी आधुनिक मसाले का इस्तेमाल. दही और बेसन की देसी जुगलबंदी इसे बिल्कुल अलग बनाती है. मिट्टी के बर्तन में भिगोकर तैयार की गई यह पकौड़ी मुंह में घुल जाती है, और इसका स्वाद हर पीढ़ी को आपस में जोड़ता है. जब देश में हर चीज़ के दाम आसमान छू रहे हैं, तब भी शिवजी की पकौड़ी आज सिर्फ 10 रुपए में 6 मिलती है. यह दुकान सिर्फ स्वाद नहीं, बल्कि संवेदना भी परोसती है. यह हर जेब के लिए किफायती और हर पेट के लिए संतोषजनक है. शिवजी की गोल-गोल पकौड़ियां दिखने में भले ही एक जैसी हों, लेकिन हर एक में पारंपरिक स्वाद का पक्का वादा छिपा होता है. छोटे-छोटे आलू के गोले, चोखे की तरह दबे हुए, फिर दही-बेसन में डुबोकर तले जाते हैं—यही है शिवजी की पकौड़ी का असली सीक्रेट. इस दुकान पर पकौड़ी बनाने के लिए आज भी मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल किया जाता है. यह न केवल पकवान को स्वादिष्ट बनाता है, बल्कि इसे स्वास्थ्यवर्धक भी बनाता है. इन पकौड़ियों में स्वाद से ज्यादा देसीपन का सार छुपा होता है. प्लेट नहीं, पत्तल! पकौड़ी का असली स्वाद तब आता है जब उसे पत्तल में परोसा जाए. शिवजी की दुकान दशकों से इसी परंपरा को निभा रही है. यह नॉस्टैल्जिया और स्वाद का ऐसा मेल है जिसे हर उम्र के लोग पसंद करते हैं. शिवजी की दुकान पर सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक ग्राहकों की लंबी कतार लगी रहती है. जो एक बार यहां आता है, वो दोबारा लौटे बिना नहीं रह पाता. वक्त चाहे सीमित हो, लेकिन स्वाद की चाह हर दिन बेशुमार रहती है. बड़े-बड़े व्यापारी जो बनारस जैसे बड़े शहरों से आते हैं, वो भी मानते हैं कि ऐसा स्वाद वहां भी नहीं मिलता. गाजीपुर की इस छोटी सी दुकान ने स्वाद के मामले में बड़ी पहचान बना ली है. शिवजी की पकौड़ी अब सिर्फ एक डिश नहीं, एक शहर की पहचान बन चुकी है — एक शहर, एक स्वाद.homelifestyleन मसाले, न महंगे दाम…80 साल पुरानी दुकान, 10 रुपए में फेमस पकौड़ी, जानें जगह

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