Naukasana Benefits: नौकासन एक ऐसा योगासन है, जिसे रोजाना कुछ मिनट प्रैक्टिस करने से शरीर चुस्त-दुरुस्त रहता है. नौकासन शब्द दो संस्कृत शब्दों से मिलकर बना है, जिसमें ‘नौका’ का मतलब ‘नाव’ है और ‘आसन’ का अर्थ है मुद्रा. इस योगासन के प्रैक्टिस में आपका शरीर नाव की शेप जैसा बनता है. पेट की चर्बी कम करने से लेकर रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने तक इस योगासन के अनेक फायदे हैं.
पेट, पीठ और जांघों के लिए फायदेमंदआयुष मंत्रालय के अनुसार, नौकासन एक असरदार योगासन है, जो शरीर को मजबूत और संतुलित बनाने में मदद करता है. इसे करते समय पेट, पीठ और जांघों की मसल्स पर सीधा असर पड़ता है, जिससे शरीर की चर्बी कम होती है. यही नहीं, रीढ़ की हड्डी को मजबूत करने में भी यह मददगार होता है. यह आसन न सिर्फ शारीरिक ताकत बढ़ाता है, बल्कि मेंटल कंसंट्रेशन और बैलेंस भी बनाए रखने में मदद करता है.
बेहतर डाइजेशननौकासन प्रैक्टिस करने से डाइजेशन सिस्टम एक्टिव होती है. यह योगासन पेट के मसल्स पर बल डालता है, जिससे डाइजेस्टिव ऑर्गन में हल्का दबाव पड़ता है और वह ज्यादा एक्टिव हो जाते हैं. इससे खाना ठीक से पचता है और गैस, कब्ज जैसी समस्याएं दूर होती हैं. जब डाइजेशन सिस्टम बेहतर होती है, तो शरीर में एनर्जी भी बढ़ने लगती है.
मेंटल स्टेबिलिटीयह योगासन स्टेबिलिटी बढ़ाने में मददगार है. इसे करते समय पूरे शरीर को नाव के शेप में बैलेंस करना पड़ता है, जिससे शरीर की पकड़ और कंट्रोल बेहतर होता है. यह प्रैक्टिस हमारी एकाग्रता को भी बढ़ाता है, क्योंकि शरीर को कुछ समय तक उसी सिचुएशन में रखना होता है. रोजाना इसकी प्रैक्टिस करने से न केवल शरीर मजबूत होता है, बल्कि मेंटल स्टेबिलिटी और कॉन्फिडेंस में भी सुधार आता है.
लोअर बॉडी की मजबूतीवहीं, यह लोअर बॉडी की मसल्स को मजबूत करने का एक आसान तरीका है. इस आसन को करते समय जांघों, पिंडलियों और पेट के निचले हिस्से पर खिंचाव पड़ता है, जिससे इन हिस्सों की मसल्स एक्टिव होती हैं और धीरे-धीरे मजबूत बनती हैं. यह योगासन खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो पैरों की कमजोरी या थकान से परेशान रहते हैं.
कई बीमारियों में असरदारनौकासन न सिर्फ शरीर को मजबूत बनाता है, बल्कि डायबिटीज जैसी बीमारी से लड़ने में भी मददगार होता है. इस आसन को करते समय पेट की मसल्स खिंचती हैं और इंटरनल ऑर्गन एक्टिव हो जाते हैं, खासतौर पर पैंक्रियाज. इससे इंसुलिन का फ्लो सुधरता है, जो ब्लड शुगर को कंट्रोल रखने में मददगार है. इसके अलावा यह योगासन ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है, जिससे शरीर को ताजगी और एनर्जी मिलती है.
नौकासन कैसे करें?नौकासन की प्रैक्टिस करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल सीधे लेट जाएं और अपने दोनों पैरों को आपस में जोड़ लें. हाथों को शरीर के बगल में सीधा रखें. अब एक गहरी सांस लें, और सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे अपने पैरों और सीने को ऊपर उठाएं. साथ ही, हाथों को आगे की तरफ खींचें ताकि वे पैरों की ओर बढ़ें. इस दौरान आपकी नजरें पैरों पर होनी चाहिए, वहीं हाथ और पैर एक सीध में दिखाई दें. पेट की मसल्स में खिंचाव महसूस हो और कुछ देर इसी स्थिति में रहें. फिर धीरे-धीरे वापस पहली जैसी स्थिति में आ जाएं.
इन लोगों को नहीं करना चाहिए नौकासनआयुष मंत्रालय ने दिल की कोई गंभीर बीमारी या अस्थमा से जूझ रहे लोगों को नौकासन न करने की सलाह दी है. साथ ही अगर आपको माइग्रेन, तेज सिरदर्द या लो ब्लड प्रेशर है, तो आप इसका प्रैक्टिस न करें, क्योंकि इससे तकलीफ और बढ़ सकती है. गर्भावस्था के दौरान नौकासन से परहेज करना चाहिए, क्योंकि यह पेट पर दबाव डालता है.–आईएएनएस
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.