Kidney Cancer Risk Factors: किडनी कैंसर ग्लोबल लेवल पर सबसे कॉमन कैंसर्स में से एक है, और इसकी घटना लगातार बढ़ रही है. हालांकि कई अलग-अलग फैक्टर्स इस बीमारी के विकास में योगदान करते हैं, लेकिन एक बड़ा रिस्क फैक्टर्स सबसे अलग है, वो है स्मोकिंग. सिगरेट-बीड़ी पीने से गुर्दे के कैंसर, खासतौर से रीनल सेल कार्सिनोमा (Renal Cell Carcinoma), जो सबसे प्रिवेलेंट फॉर्म है, इसके जोखिम को काफी बढ़ा देता है.
किडनी कैंसर के रिस्क फैक्टर्स
1. स्मोकिंग
डॉ. समीर खन्ना (Dr. Samir Khanna), डायरेक्टर यूरोलॉजी, सीके बिरला हॉस्पिटल, दिल्ली, ने बताया कि तंबाकू के धुएं में कई कार्सिनोजेन (कैंसर फैक्टर्स) होते हैं जो खून में एब्जॉर्ब हो जाते हैं और आखिरकार गुर्दों द्वारा फिल्टर किए जाते हैं. वक्त के साथ, ये जहरीले पदार्थ किडनी के सेल्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे म्यूटेशन हो सकता है जिसके कारण कैंसर हो सकता है. रिसर्च से पता चलता है कि स्मोकिंग करने वालों में गुर्दे का कैंसर डेवलप होने की आशंका धूम्रपान न करने वालों की तुलना में दोगुनी तक होती है.
2. मोटापास्मोकिंग के अलावा, दूसरे रिस्क फैक्टर भी इस बीमारी में अहम रोल अदा करते हैं. मोटापा ऐसा ही एक फैक्टर है, शरीर की एक्सट्रा चर्बी हार्मोन के लेवल को बदल सकती है, खास तौर से इंसुलिन और एस्ट्रोजन, जो ट्यूमर के विकास को बढ़ावा दे सकते हैं.
3. हाई बीपीहाई ब्लड प्रेशर एक और बड़ा कंट्रीब्यूटर है, क्योंकि लगातार बढ़ा हुआ दबाव गुर्दों की नाजुक ब्लड वेसेल्स को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे कैंसर को लेकर सेंसिटिविटी बढ़ जाती है.
4. जेनेटिक्सजेनेटिक्स और फैमिली हिस्ट्री भी मायने रखते हैं. गुर्दे के कैंसर के पारिवारिक इतिहास वाले लोगों या वॉन हिप्पेल-लिंडौ डिजीज (Von Hippel–Lindau disease) जैसी जेनेटिक कंडीशन वाले लोगों को ज्यादा जोखिम का सामना करना पड़ता है.
5. खास फैक्ट्री में काम करनाट्राइक्लोरोएथिलीन (आमतौर पर मेटल और केमिकल इंडस्ट्री में इस्तेमाल किया जाता है) जैसे हानिकारक पदार्थों के व्यावसायिक एक्सपोजर को भी किडनी कैंसर के रिस्क को बढ़ा सकते हैं.
6. जिनको पहले से किडनी की बीमारी हैक्रोनिक किडनी डिजीज वाले लोग या जो लंबे वक्त से डायलिसिस करवा रहे हैं, उन्हें ऑनगोइंग किडनी डैमेज के कारण खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा, 50 साल से ज्यादा उम्र के पुरुषों में महिलाओं और युवा आबादी की तुलना में इसके केस ज्यादा आते हैं.
स्मोकिंग सबसे ज्यादा खतरनाकइन सभी खतरों में, स्मोकिंग सबसे ज्यादा रोका जा सकने वाला और असरदार रिस्क फैक्टर बना हुआ है. सिगरेट-बीड़ी छोड़ने से न सिर्फ किडनी कैंसर का खतरा कम होता है बल्कि गुर्दे और दिल के ओवरऑल हेल्थ में भी सुधार होता है.
कैसे बचेगी जान?इन रिस्क फैक्टर्स को जल्दी पहचानना और लाइफस्टाइल में चेंज करना, खास तौर से स्मोकिंग से तौबा करना, किडनी कैंसर के डेवलपमेंट की संभावना को काफी कम कर सकता है और बेहतर लॉन्ग टर्म हेल्थ आउटकम हासिल कर सकता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

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