संभल- उत्तर प्रदेश के संभल जिले में 24 नवंबर 2024 को जामा मस्जिद परिसर की पैमाइश के दौरान भड़की हिंसा ने प्रदेशभर में सांप्रदायिक माहौल बना दिया था. यह पैमाइश स्थानीय न्यायालय के आदेश पर कोर्ट कमिश्नर के नेतृत्व में की जा रही थी, जिसे असामाजिक तत्वों ने छिटपुट हिंसा से रोकने चाहा लेकिन ये छिटपुट मामला देखते ही देखते उग्र हिंसा में बदल गया.हिंसा में 4 की मौत, पुलिसकर्मी और अधिकारी घायल
पैमाइश के दौरान भारी विरोध, पथराव, तोड़फोड़ और आगजनी हुई, जिसमें चार लोगों की जान चली गई और कई पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए. कोर्ट कमिश्नर की टीम पर भी जानलेवा हमला किया गया. भीड़ ने हथियारों से लैस होकर हमला किया, जिससे हालात बेकाबू हो गए और कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई.
SIT की जांच में अब तक 12 FIR, 92 गिरफ्तारियांघटना की गंभीरता को देखते हुए शासन ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया. अब तक 12 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं, जिनमें सैकड़ों नामजद और अज्ञात आरोपी हैं. जांच में अब तक कुल 92 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. इनमें से अधिकांश के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किए जा चुके हैं, और कई अन्य की गिरफ्तारी की तैयारी चल रही है.
बरामद हुए देसी-विदेशी हथियार
जांच के दौरान SIT ने घटना स्थल से भारी मात्रा में खोखे, हथियार, और अन्य साक्ष्य बरामद किए हैं. सभी बरामदगी को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है. इसके साथ ही बैलेस्टिक विशेषज्ञों की राय और मेडिकोलीगल रिपोर्ट भी जुटाई गई है, जिससे अभियुक्तों पर पुख्ता मुकदमा दर्ज किया जा सके.
कई राजनीतिक चेहरे भी जांच के घेरे मेंप्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह हिंसा पूर्व नियोजित और साजिशन थी. कुछ राजनीतिक व्यक्तियों और आपराधिक तत्वों द्वारा इस घटना को अंजाम दिया गया. SIT की टीम लगातार निगरानी में है और सभी संदिग्धों की गतिविधियों की छानबीन जारी है.
जामा मस्जिद के हुए बवाल में मुकदमा अपराध संख्या 335/24 में दर्ज एफआईआर के अनुसार सांसद जियाउर्रहमान बर्क पर बवाल से पहले भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा था. जबकि बवाल के दिन विधायक के बेटे सुहेल इकबाल पर भीड़ को उकसाने का आरोप है. बाद में सांसद पर आरोप लगा कि बवाल से पहले ही उन्होंने सर्वे को रोकने और भीड़ एकत्र करने के लिए कहा था. इसी तरह के अन्य कई आरोप सांसद पर लगे हैं.
कोर्ट में पेश हुई कई चार्जशीटअब तक SIT द्वारा कई मामलों में आरोप पत्र दाखिल किए जा चुके हैं, जिनमें गंभीर धाराओं जैसे भारतीय न्याय संहिता की धारा 121, 132, 190, 191(3), 223(B), आर्म्स एक्ट, सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम और अन्य कानून शामिल हैं. जांच अधिकारियों का दावा है कि यह कार्यवाही पूरी तरह पारदर्शी ढंग से की जा रही है.
आगे कार्रवाई जारीSIT की रिपोर्ट के अनुसार, कई अभियुक्त अभी भी फरार हैं, जिनकी तलाश में लगातार छापेमारी और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस जारी है. प्रशासन का कहना है कि जल्द ही सभी दोषियों को कानून के कटघरे में लाया जाएगा.