गर्मियों का मौसम जितना तपता सूरज लेकर आता है, उतना ही खतरा भी उस चिलचिलाती धूप में छिपा होता है. हाल के वर्षों में जिस बीमारी ने अचानक से जानलेवा रूप ले लिया है, वह है हीट स्ट्रोक. यह केवल गर्मी लगने या चक्कर आने तक सीमित नहीं, बल्कि यह स्थिति शरीर के तापमान के 104°F (लगभग 40°C) से ऊपर जाने पर सीधा दिल पर वार करती है और कार्डियक अरेस्ट (दिल का दौरा) तक का कारण बन सकती है.
इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. रूपेश अग्रवाल बताते हैं कि हीट स्ट्रोक कोई सामान्य बीमारी नहीं है, यह एक मेडिकल इमरजेंसी है, जो समय पर इलाज न मिलने पर जान भी ले सकती है. जब शरीर जरूरत से ज्यादा गर्म हो जाता है, तब वह अपने तापमान को नियंत्रित नहीं कर पाता और यही स्थिति दिल की धड़कन को असामान्य बना देती है.
हीट स्ट्रोक से कैसे बढ़ता है हार्ट अटैक का खतरा?गर्मी के कारण शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) होती है, जिससे ब्लड वॉल्यूम घट जाता है और दिल को पंप करने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. इसके अलावा, ज्यादा तापमान दिल की धड़कनों को तेज कर देता है, जिससे अनियमित रिदम यानी एरिदमिया हो सकती है. ये सभी फैक्टर्स मिलकर अचानक कार्डियक अरेस्ट की स्थिति बना सकते हैं.
कौन हैं सबसे ज्यादा खतरे में?बुजुर्ग, छोटे बच्चे, दिल की बीमारी से पीड़ित लोग, धूप में काम करने वाले मजदूर और एथलीट इस खतरे की सबसे बड़ी चपेट में आते हैं. कुछ दवाएं जैसे हाई बीपी या मानसिक रोगों की दवाएं भी शरीर की तापमान कंट्रोल करने की क्षमता को प्रभावित करती हैं.
कैसे करें हीट स्ट्रोक से बचाव?* दिन के सबसे गर्म समय में बाहर जाने से बचें* हर आधे घंटे में पानी पिएं, चाहे प्यास लगे या नहीं* हल्के और ढीले कपड़े पहनें* एसी, कूलर या पंखे का इस्तेमाल करें* कमजोरी या चक्कर महसूस हो तो तुरंत आराम करें और डॉक्टर से संपर्क करें
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.