Last Updated:June 17, 2025, 17:25 ISTShahjahanpur news in hindi : किसान भाई अगर बासमती धान की खेती करने जा रहे हैं तो सावधानी बरतें. कम से कम मात्रा में नाइट्रोजन का इस्तेमाल करें. लापरवाही बरतने पर पूरी फसल बर्बाद हो सकती है. एक और काम है, जो पहल…और पढ़ेंहाइलाइट्सबासमती धान की खेती में कम नाइट्रोजन का उपयोग करें.एक एकड़ में 40 किलो यूरिया का ही इस्तेमाल करें.रोपाई से पहले मिट्टी की जांच कराएं.शाहजहांपुर. उत्तर प्रदेश में धान की खेती बड़े क्षेत्रफल में की जाती है. ज्यादातर किसान मोटे धान की खेती करते हैं, लेकिन अगर किसान बासमती धान उगाएं तो कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. बासमती धान के चावल की मांग विदेशों में भी रहती है. इससे किसानों को अच्छा भाव मिलता है. हालांकि इसकी खेती करते समय किसानों को कुछ सावधानी बरतनी चाहिए. बासमती धान को कीट जल्द चपेट में लेते हैं. जरा सी लापरवाही से फसल बर्बाद हो सकती है. कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनपी गुप्ता बताते हैं कि बासमती धान की रोपाई मोटे धान के मुकाबले थोड़ा देरी से की जाती है. बासमती के पौधे सुगंधित होते हैं, जिसकी वजह से कीट ज्यादा आकर्षित होते हैं. कीटों से इसके पौधों को बचाना किसानों के लिए बड़ी चुनौती है. ऐसे में किसान अगर सावधानी बरतें और नाइट्रोजन का कम मात्रा में इस्तेमाल करें, तो कीट को फसल से दूर रखा जा सकता है.कितनी यूरिया पर्याप्त
बासमती की फसल तैयार करने के लिए ज्यादा नाइट्रोजन की आवश्यकता नहीं होती, क्योंकि बासमती के पौधे तेजी के साथ बढ़ते हैं. इसलिए एक एकड़ में 40 किलो यूरिया का ही इस्तेमाल करें. इसके अलावा, 50 किलो डीएपी और 25 से 30 किलो पोटाश का इस्तेमाल कर सकते हैं. एक बात का और ध्यान रखें. बासमती उगाने से पहले किसानों को मिट्टी की जांच कर लेनी चाहिए. डीएपी, पोटाश और नाइट्रोजन के अलावा मिट्टी की जांच करवाकर बाकी तत्वों की पूर्ति भी करनी चाहिए. इससे बासमती से अच्छा उत्पादन मिलेगा.
बासमती में ज्यादा नाइट्रोजन डालने से पौधों की बढ़वार ज्यादा होती है. पौधों में पानी की मात्रा बढ़ जाती है. जिसकी वजह से कीट इसको बेहद पसंद करते हैं. पौधों की बढ़वार ज्यादा होने की वजह से तेज हवा के दौरान फसल गिर सकती है. गुणवत्ता में गिरावट आएगी और उत्पादन पर बुरा प्रभाव पड़ेगा.Location :Shahjahanpur,Uttar Pradeshhomeagricultureबासमती में इतना ही डालें यूरिया, वरना पीछा नहीं छोड़ेंगे कीट, खींच लाएगी खुशबू