किडनी में क्रिएटिनिन कितना है? इसका राज़ खोल देगा ये एक टेस्ट, डैमेज से बच सकते है गुर्दे

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UACR Test For Kidney: किडनी हमारे शरीर का एक बेहद अहम अंग है, जो खून को फिल्टर करने, टॉक्सिक सब्सटांस को बाहर निकालने और बॉडी फ्लूइड के बैलेंस को बनाए रखने में मदद करता है. लेकिन जब गुर्दे की सेहत बिगड़ने लगती है, तो शरीर में क्रिएटिनिन (Creatinine) नामक सब्सटांस का लेवल बढ़ने लगता है. ये इशारा देता है कि हमारे गुर्दे पूरी क्षमता से काम नहीं कर रहे हैं. अक्सर डॉक्टर ब्लड टेस्ट के जरिए सीरम क्रिएटिनिन की जांच करते हैं, लेकिन एक और अहम टेस्ट है जो किडनी डैमेज का शुरुआती संकेत दे सकता है  जिसे UACR टेस्ट कहा जाता है.
UACR टेस्ट क्या है?UACR का पूरा नाम है Urine Albumin-to-Creatinine Ratio. ये टेस्ट पेशाब में एलब्युमिन (एक तरह का प्रोटीन) और क्रिएटिनिन के रेशियो का पता लगाता है. नॉर्मल कंडीशन में, यूरिन में बहुत कम या न के बराबर एलब्युमिन होता है. लेकिन अगर किडनी को नुकसान पहुंच रहा हो, तो ये प्रोटीन पेशाब के रास्ते बाहर निकलने लगता है.
UACR टेस्ट क्यों जरूरी है?
1. शुरुआती पहचान: ये टेस्ट किडनी डैमेज के शुरुआती लक्षणों को पकड़ने में मदद करता है, खासकर डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए ये बेहद जरूरी है
2. क्रिएटिनिन की स्थिति को समझना: जब क्रिएटिनिन बढ़ा हुआ होता है, तो UACR ये क्लियर करता है कि किडनी डैमेज कितना सीरियस है.
3. इलाज की दिशा तय करने में मददगार: अगर UACR रेशियो ज्यादा है, तो डॉक्टर इलाज की स्ट्रेटेजी बदल सकते हैं और दवाइयों की मात्रा या टाइप को एडजस्ट कर सकते हैं. 

नॉर्मल रेंज क्या होती है?
30 mg/g से कम:  नॉर्मल
30–300 mg/g: माइक्रोएल्ब्युमिन्यूरिया (शुरुआती किडनी डैमेज का साइन)
300 mg/g से ज्यादा: सीरियस किडनी डैमेज

किन लोगों को कराना चाहिए ये टेस्ट?
1. डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर के मरीज
2. जिनका क्रिएटिनिन स्तर बढ़ा हुआ है
3. जिनके परिवार में किडनी रोग की हिस्ट्री है 
लाइफसेविंग टेस्टUACR टेस्ट एक सिंपल लेकिन पावरफुल तरीका है ये जानने का कि आपकी किडनी कितनी सही तरीके से काम कर रही है. अगर आप किडनी हेल्थ को लेकर कॉन्शियस हैं, तो समय-समय पर इस टेस्ट को करवाना आपके लिए लाइफसेवर साबित हो सकता है.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



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