ब्रेन ट्यूमर कैंसर और गैर-कैंसर दो तरह का होता है. यह ट्यूमर ब्रेन में ही किस हिस्से के बढ़ने से या फिर ब्रेस्ट, फेफड़े के ट्यूमर के फैलने से होता है. समय पर इलाज न शुरु होने पर इसका आकार एक बड़े संतरे जितना हो सकता है, जो कि जानलेवा होता है.
डॉ. दलजीत सिंह, वाइस चेयरमैन और एचओडी – न्यूरोसर्जरी एवं यूनिट हेड – न्यूरो इंटरवेंशन, मैक्स स्मार्ट सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, साकेत ने बताया कि परिवार में कैंसर का इतिहास, रेडिएशन का संपर्क, या न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस जैसी जेनेटिक बीमारियां होने पर ब्रेन ट्यूमर का खतरा और भी बढ़ जाता है. लेकिन डॉ. का कहना है कि यदि इन शुरुआती लक्षणों को समय रहते पहचान लिया जाए, तो इलाज अधिक प्रभावी हो सकता है और मरीज की जान बचाई जा सकती है.
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ब्रेन ट्यूमर के मुख्य शुरुआती संकेत
लगातार सिरदर्द
अगर सिरदर्द रोज होता है, खासकर सुबह के समय, और दवा से आराम नहीं मिलता तो यह सामान्य नहीं है. यह ब्रेन ट्यूमर का पहला संकेत हो सकता है.
दृष्टि या सुनने में बदलाव
धुंधला दिखना, डबल विजन या एक आंख से कम दिखना, और एक कान में अचानक सुनाई देना बंद हो जाना या घंटी बजने जैसी आवाज आना भी ब्रेन ट्यूमर के चेतावनी संकेत हैं.
अचानक दौरे पड़ना
अगर किसी ऐसे व्यक्ति को अचानक दौरे पड़ने लगें जिसे पहले कभी ऐसा न हुआ हो, तो यह चिंता का विषय है. ऐसा ब्रेन ट्यूमर के कारण हो सकता है. यह दिमाग की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी को प्रभावित करता है,
व्यवहार और सोच में बदलाव
व्यक्ति का स्वभाव बदलना, भूलने लगना, निर्णय लेने में कठिनाई या चिड़चिड़ापन जैसे संकेत बताते हैं कि दिमाग के कामकाज में कोई रुकावट आ रही है.
संतुलन और चलने में कठिनाई
चलने में लड़खड़ाहट, चक्कर आना या अचानक गिर जाना ब्रेन के उस हिस्से में समस्या का इशारा कर सकता है जो संतुलन और गति को कंट्रोल करता है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.