आज के दौर में विज्ञान ने इंसानी जिंदगी को जितना आसान बनाया है, उतना ही चौंकाने वाला भी बना दिया है. अब वो दिन दूर नहीं जब मां-बाप न सिर्फ संतान का जन्म तय कर सकेंगे, बल्कि बच्चे की आंखों का रंग, बालों की बनावट और त्वचा की रंगत भी अपनी मर्जी से तय कर सकेंगे. अमेरिका की एक जीनोमिक्स कंपनी न्यूक्लियस जीनोमिक्स (Nucleus Genomics) ने IVF तकनीक के जरिए एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया है, जो बच्चों के जीन को ऑप्टिमाइज कर सकता है.
अब तक IVF में लैब में एग और स्पर्म को फर्टिलाइज कर भ्रूण को महिला के गर्भ में प्रत्यारोपित किया जाता था. लेकिन न्यूक्लियस जीनोमिक्स ने इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए ‘न्यूक्लियस एम्ब्रायो’ नाम की एक जेनिटिक ऑप्टिमाइजेशन सॉफ्टवेयर विकसित की है, जो भ्रूण के डीएनए का विश्लेषण कर 900 से ज्यादा बीमारियों की आशंका को जांच सकता है. इनमें डायबिटीज, हार्ट डिजीज, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां शामिल हैं.
अब संभावित IQ और मेंटल हेल्थ भी जान सकेंगेसिर्फ बीमारियों तक ही नहीं, यह तकनीक भ्रूण में IQ से जुड़े मार्कर्स, डिप्रेशन, एंग्जायटी जैसी मानसिक स्थितियों, BMI और कद जैसी खूबियों की भी जानकारी देती है. इतना ही नहीं, माता-पिता अब भ्रूण का चयन बालों का रंग, आंखों का रंग और त्वचा की टोन जैसी विशेषताओं के आधार पर भी कर सकेंगे.
कैसे काम करेगा यह सॉफ्टवेयर?यदि आप IVF के जरिए बच्चा प्लान कर रहे हैं तो आप अपने क्लिनिक से 20 भ्रूणों के डीएनए डेटा अपलोड कर सकते हैं. सॉफ्टवेयर उनका विश्लेषण करेगा और फिर एक डिटेल रिपोर्ट देगा, जिससे माता-पिता यह तय कर सकें कि कौन सा भ्रूण उनके लिए ‘बेस्ट’ है.
क्या है नैतिक पहलू?हालांकि यह तकनीक मेडिकल साइंस की बड़ी छलांग मानी जा रही है, लेकिन इससे जुड़े एथिकल सवाल भी खड़े हो रहे हैं. क्या इंसान अब बच्चों को डिजाइन करेगा? कंपनी के 25 वर्षीय फाउंडर कियान सादेगी कहते हैं कि जैसे लोग अपनी सेहत जानने के लिए DNA टेस्ट कराते हैं, वैसे ही भ्रूण का चयन भी लंबी और सेहतमंद जिंदगी के लिए है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.