Last Updated:June 06, 2025, 18:34 ISTTop-5 Varieties Of Paddy For Dry Areas : यूपी का बुंदेलखंड क्षेत्र अपने सूखे और कम बारिश के कारण जाना जाता है. यूपी में कई इलाके ऐसे हैं जहां इतनी बारिश नहीं होती की धान की खेती सही से हो सके. ऐसे में धान की ये 5 किस्में बुंदेलखंड के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. उत्तर प्रदेश में बड़े क्षेत्रफल में धान की रोपाई की जाती है. धान की रोपाई करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी या सिंचाई के संसाधन होना चाहिए. क्योंकि धान की फसल उगाने के लिए अधिक पानी की आवश्यकता होती है. लेकिन कई ऐसी किस्में हैं, जिनको कम पानी वाले क्षेत्र में भी आसानी से उगाया जा सकता है. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा विकसित, धान की पूसा सुगंध-5 अपनी उच्च गुणवत्ता वाली पैदावार के लिए फेमस है. यह किस्म 120 से 125 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. पूसा सुगंध-5 के चावल के दाने पतले, खुशबूदार और लम्बे होते हैं. अपनी उत्कृष्ट गुणवत्ता के कारण, इस महीन धान की किस्म को अमेरिका, कनाडा और यूनाइटेड किंगडम जैसे कई देशों में भी निर्यात किया जाता है. किसान पूसा सुगंध-5 की खेती से प्रति हेक्टेयर लगभग 50 से 60 क्विंटल तक उपज प्राप्त कर सकते हैं. स्वर्णा शुष्क धान की एक उन्नत किस्म है जिसे विशेष रूप से सूखे क्षेत्रों में बेहतर उपज देने के लिए विकसित किया गया है. स्वर्णा शुष्क धान की ऊंचाई ज्यादा नहीं होती, फिर भी यह आश्चर्यजनक रूप से अच्छी पैदावार देती है. कम पानी वाले इलाकों में भी यह प्रति हेक्टेयर 40 से 45 क्विंटल तक अनाज दे सकती है. सबसे अच्छी बात यह है कि यह धान केवल 110 से 115 दिनों में पककर तैयार हो जाता है. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने बासमती धान की एक उन्नत किस्म विकसित की है, जिसे पूसा 834 के नाम से जाना जाता है यह किस्म लगभग 125 से 130 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है और इसकी एक खास बात यह है कि यह उन क्षेत्रों के किसानों के लिए भी एक अच्छा विकल्प है जहां मिट्टी की उर्वरता कम हो या पानी की उपलब्धता सीमित हो. उपज की बात करें तो यह किस्म प्रति हेक्टेयर लगभग 60 से 70 क्विंटल तक धान का उत्पादन दे सकती है. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), पटना द्वारा विकसित स्वर्ण पूर्वी धान-1 किस्म उन किसानों के लिए वरदान है जिनके क्षेत्रों में पानी की कमी रहती है. यह धान की एक उन्नत सूखा प्रतिरोधी किस्म है, जो कम पानी की परिस्थितियों में भी आसानी से लहलहा सकती है. सबसे अच्छी बात यह है कि कम पानी में भी यह किस्म प्रति हेक्टेयर 45 से 50 क्विंटल तक प्रभावशाली उपज दे सकती है. . स्वर्ण शक्ति धान के दाने मध्यम आकार के और पतले होते हैं, और पकने के बाद इसका चावल बहुत सुगंधित और हल्का मीठा स्वाद वाला होता है. यह मध्यम अवधि की फसल है, जो लगभग 115 से 120 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है. स्वर्ण शक्ति धान की खेती किसानों को प्रति हेक्टेयर लगभग 45 से 50 क्विंटल तक की अच्छी उपज दे सकती है.homeagricultureबांदा, झांसी जैसे सूखाग्रस्त क्षेत्रों के लिए वरदान है धान की ये 5 किस्में…